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बारिश का पानी घटते ही दिखा यमुना के मैली होने का नजारा, ड्रेन नंबर 8 से गिर रहा गंदा पानी; प्रशासन बेबस

 

 

सोनीपत में यमुना नदी में लगातार गंदगी बह रही है जिसे रोकने में प्रशासन नाकाम है। ड्रेन नंबर आठ में गंदे नालों का पानी यमुना को प्रदूषित कर रहा है। सिंचाई विभाग द्वारा नाली का निर्माण जारी है लेकिन इससे गंदे और साफ़ पानी के मिश्रण की आशंका है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर कार्रवाई की जाती

जागरण संवाददात, सोनीपत (राई)। यमुना नदी में बहाई जा रही गंदगी को रोकने के ठोस उपाय करने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। ड्रेन नंबर आठ में जगह-जगह से आकर गिर रहे छोटे-बड़े गंदे नालों का पानी यमुना को निरंतर प्रदूषित कर रहा है। सिंचाई विभाग और प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी मामले में खानापूर्ति करने में लगे हैं। विभिन्न नालों में बरसात के पानी का बहाव कम होते ही इनमें गंदे व औद्योगिक इस्तेमाल के बाद बचे रासायनिक जल का बहाव साफ दिखने लगा है।

रासायनिक जल आठ नंबर ड्रेन में मिला

ज्ञात रहे कि यमुना को साफ रखने के प्रशासनिक प्रयासों के तहत सिंचाई विभाग द्वारा ड्रेन नंबर आठ के साथ-साथ एक सीमेंटिड नाली का निर्माण किया जा रहा है। अकबरपुर-बारोटा में जहां पर 6 नंबर ड्रेन में बहकर आने वाला दूषित रासायनिक जल आठ नंबर ड्रेन में मिला है, वहां से यमुना नदी तक इस नाली का बनाया जाना प्रस्तावित है।

गंदे पानी का मिक्स होना स्वाभाविक

सिंचाई विभाग द्वारा पक्की नाली के निर्माण के लिए अलग से जमीन का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। ड्रेन नंबर आठ के दोनों किनारों के अंदर ही एक तरफ यह नाली बनाई जाएगी। इस नाली को कवर करने का कोई प्रावधान नहीं है। लगभग सात किलोमीटर लंबी यह नाली खुली ही रहेगी। ड्रेन नंबर आठ में जब कभी भी पानी बढ़ेगा यह इस निर्माणाधीन नाली में जल स्तर बढ़ेगा तब साफ और गंदे पानी का मिक्स होना स्वाभाविक है।

निर्माण कार्य प्रभावित हुआ

प्रदूषण संबंधी नियमों की अवहेलना करने वाली औद्योगिक इकाईयों पर कानूनन कार्रवाई की जाती है। परिस्थिति अनुसार कई बार एन्वायरमेंटल कंपंसेशन भी वसूला जाता है। बरसात का मौसम होने की वजह से आठ नंबर ड्रेन के समानांतर छह नंबर ड्रेन के कंड्यूट का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है। लगभग आठ किलोमीटर लंबी इस नाली के निर्माण का लगभग आधा काम पूरा हो चुका है। यह कार्य पूरा हो जाने के बाद इस समस्या का समाधान हो सकेगा।

-निर्मल कश्यप, आरओ, पोल्यूशन नियंत्रण बोर्ड

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