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गरिमा सैकिया गर्ग ने अपने पति ज़ुबीन गर्ग के निधन की परिस्थितियों की उचित और निष्पक्ष जांच की मांग की

गुवाहाटी:सु्प्रसिद्ध गायक ज़ुबीन गर्ग की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने अपने पति के निधन के आसपास की परिस्थितियों को “रहस्यमय” बताया है और उनके अंतिम क्षणों में होने वाली घटनाओं के क्रम की उचित जांच की मांग की है.  सोमवार को ग्यारहवें दिन की रस्में पूरी होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए गरिमा ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि उन्हें और उनके परिवार को स्पष्ट जवाब नहीं दिए गए हैं. उन्होंने कहा, “ज़ुबीन गर्ग के साथ असल में क्या हुआ, हमें नहीं पता. यह कैसे हुआ, यह अभी भी एक रहस्य है. हमें जवाब चाहिए. वह लापरवाही के शिकार हो गए, यह तो तय है, लेकिन उनके जैसे व्यक्ति की उपेक्षा क्यों की गई? हमें सभी जवाब चाहिए. मुझे जांच पर भरोसा है.”गरिमा ने अपने पति को न केवल एक सार्वजनिक हस्ती, बल्कि अपनी व्यक्तिगत शक्ति का स्रोत बताया. साथ ही उन्‍हें याद करते हुए कहा, “वह मेरे लिए भगवान जैसे थे, जैसे वह अपने प्रशंसकों के लिए थे. उन्होंने हमेशा अपने शब्दों से मेरा मनोबल बढ़ाया. जब वह जीवित थे तो लोग अक्सर उन्हें गलत समझते थे, लेकिन वह कहते थे कि लोग उनकी बातें 10 साल बाद समझेंगे.”

याट पार्टी पर सवाल

गरिमा ने बताया कि उन्होंने अपने पति से आखिरी बार 18 सितंबर को बात की थी. हालांकि उन्होंने सिंगापुर में किसी याट पार्टी का जिक्र नहीं किया था, जहां वे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में शामिल होने गए थे. उन्होंने कहा, “अगर उन्हें पता होता तो वे मुझे जरूर बताते. उन्हें याट पार्टी के बारे में नहीं पता था. मुझे उम्मीद है कि जांच में इस बारे में पता चलेगा और हमें जवाब मिलेंगे.”साथ ही उन्‍होंने बताया कि उनके पति को एक बीमारी थी और वे दौरे पड़ने की दवाएं ले रहे थे. उन्होंने बताया, “उन्होंने सिर्फ एक दवा ली. मैंने उन्हें दवाएं दीं और उनके मैनेजर को भी यह बात पता थी. उन्हें दौरे पड़ते थे और उन्हें समय पर दवा लेनी पड़ती थी.”

लापरवाही के आरोप

गरिमा ने सवाल उठाया कि जब वह अपनी हालत के बावजूद पानी में उतरे तो नौका पर उनके साथ मौजूद लोगों ने हस्तक्षेप क्यों नहीं किया. उन्होंने कहा, “जब उन्हें पता था कि वह तैरने की हालत में नहीं हैं तो उन्होंने उन्हें पानी से क्यों नहीं निकाला? वे ऐसा कर सकते थे. उनका ध्यान भटकाना बहुत आसान था.”

उन्होंने कई लोगों के नाम लिए जो उनके अंतिम क्षणों में उनके साथ थे, जिनमें उनके मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, संगीतकार शेखर गोस्वामी और असम एसोसिएशन के सदस्य शामिल हैं. उन्होंने कहा, “वीडियो से साफ है कि वह थके हुए थे. उनके साथ मौजूद लोगों की जिम्‍मेदारी थी कि उन्हें तुरंत पानी से बाहर निकाला जाए.”

उन्होंने आगे कहा कि खासतौर पर सिद्धार्थ शर्मा ज़ुबीन के स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में वाकिफ थे. उन्होंने जोर देकर कहा, “उन्हें पानी या आग के पास नहीं जाना चाहिए था, क्योंकि इससे उन्हें दौरे पड़ सकते थे. उनके मैनेजर को यह बात पता थी.”

महोत्सव आयोजकों की आलोचना

गरिमा ने नार्थ ईस्‍ट इंडिया फेस्टिवल के मुख्य आयोजक श्यामकानु महंत द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर भी असंतोष व्यक्त किया.  उन्होंने आरोप लगाया, “मुझे उनके खिलाफ व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं कहना है, लेकिन उनकी जिम्‍मेदारी जरूर थी.  ज़ुबीन उनके द्वारा आयोजित एक महोत्सव में शामिल होने वहां गए थे. उन्होंने ज़ुबीन को अपना दोस्त बताया, लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि वे उनके जैसे कलाकार को चिकित्सा सहायता, सुरक्षा या उनके रहने-खाने की उचित व्यवस्था किए बिना कैसे ले जा सकते हैं. उन्होंने ज़ुबीन के लिए कुछ नहीं किया.”

… इसलिए नहीं गईं साथ 

जब उनसे पूछा गया कि वह अपने पति के साथ सिंगापुर क्यों नहीं गईं तो गरिमा ने बताया कि पारिवारिक जिम्‍मेदारियों के कारण उन्हें असम में ही रहना पड़ा. उन्होंने कहा, “उनके पिता और मेरे माता-पिता दोनों ही अस्वस्थ थे और उनकी देखभाल करने वाले कुछ लोग छुट्टी पर थे. मुझे दुर्गा पूजा से पहले इन मुद्दों को सुलझाना था क्योंकि ज़ुबीन के फेस्टिवल प्रोग्राम उनके लौटने के बाद शुरू होने वाले थे. मैंने उसी समय उनके साथ जाने की योजना बनाई थी.”

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