दूधी नदी बना ग्रामीणों की परेशानी का कारण, बारिश में थम जाती है ज़िंदगी

कार्यक्रम में पहुंचे डॉ. राजकुमार मालवीय को ग्रामीण नदी पर ले गए, बोले — अब हमारी आवाज़ सरकार तक पहुँचाइएसीहोर (जावर)।
बरसात आते ही तहसील जावर के कई गांवों के लिए दूधी नदी मुसीबत का नाम बन जाती है। खेजड़ाखेड़ा, अतरालिया, बादा गुराड़िया सहित दर्जनों गांवों के लोग हर साल नदी के उफान के कारण गांव से कट जाते हैं। स्कूल के बच्चे हों या बीमार व्यक्ति, नदी पार करना खतरे से खाली नहीं होता।इसी समस्या को लेकर ग्रामीणों ने एक कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यालय प्रभारी डॉ. राजकुमार मालवीय से आग्रह किया कि वे मौके पर चलकर हालात देखें। ग्रामीणों ने उन्हें कार्यक्रम के बाद सीधे नदी किनारे ले जाकर वास्तविक स्थिति से अवगत कराया।नदी के इस पार खड़े होकर ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में सबसे अधिक परेशानी बच्चों को होती है। स्कूल जाने के लिए या तो घंटों इंतज़ार करना पड़ता है या भीगते हुए जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है। खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है और कई बार बीमारों को अस्पताल ले जाना तक संभव नहीं होता।अब तक कई लोग नदी में डूब चुके हैं, लेकिन स्थायी समाधान आज तक नहीं हो सका।डॉ. मालवीय ने ग्रामीणों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि यह अब केवल विकास की बात नहीं, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन जीने का विषय है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दूधी नदी पर पुल निर्माण को अब प्राथमिकता में लिया जाएगा।डॉ. मालवीय ने कहा कि जल्द ही संबंधित विभागों से समन्वय कर प्रस्ताव शासन तक भेजा जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय तक ग्रामीणों की यह पीड़ा पहुँचाई जाएगी।उन्होंने कहा — “यह कोई मांगपत्र नहीं, बल्कि ज़िंदगी की पुकार है। अब देरी नहीं होगी। भाजपा सरकार जन समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।