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बिहार सांस्कृतिक परिषद द्वारा आयोजित छठ पूजा के खरना/लोहंडा के विशेष महत्व, आयोजन की तैयारियों, और सांस्कृतिक गतिविधियाँ


सोमवार को छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य भगवान को अर्ध्य अर्पित कर उपास करेंगे छठव्रती

भोपाल। महापर्व छठ पूजा का पावन उत्सव बिहार सांस्कृतिक परिषद द्वारा सरस्वती देवी मंदिर छठ घाट, बरखेडा, भोपाल में भव्यता एवं पारंपरिक गरिमा के साथ मनाया जा रहा है। महापर्व छठ का दूसरा दिन “खरना” अथवा “लोहंडा” नाम से जाना जाता है, जो पूरी महापर्व छठ पूजा प्रक्रिया में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस दिन छठव्रती महिलाएं सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला उपवास रखते हुए दिनभर पूजा-अर्चना करती हैं। संध्या समय वे गुड़-चावल की खीर, रोटी और फल से ईश्वर को प्रसाद चढ़ाकर व्रत का पारायण करती हैं, जिसे परिवार और सामूहिकता का प्रतीक माना जाता है। खरना की पवित्रता और अनुशासन व्रती के आत्मसामर्थ्य और सामाजिक एकता के संदेश को उजागर करता है।
बिहार सांस्कृतिक परिषद ने महापर्व छठ पूजा के शुभ अवसर पर कार्यक्रम के स्थल पूजा कुंडों को अत्यंत ही आकर्षक सजावट, रंग-बिरंगी विद्युत रोशनी, छठी मइया की आकर्षक प्रतिमाओं से सुसज्जित किया है। परिषद ने व्रती महिलाओं के लिये विशेष स्नान, प्राचीन कुआं के पवित्र जल से सावर एवं चेंजिंग रूम की व्यवस्था की है, जिससे श्रद्धालुओं को पूर्ण सुविधा एवं निजता मिले। स्वच्छता और सुरक्षा के लिए अलग से समिति गठित की गई है; साथ ही चिकित्सा सहायता, पेयजल और सुरक्षित प्रवेश-निकास व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है, ताकि सभी व्रती एवं श्रद्धालु निर्बाध रूप से पुरे संयम एवं पवित्रता के साथ महापर्व को मना सकें। पारण के समय गाय के कच्चे दूध, गर्म दूध एवं चाय – कॉफी के विशेष व्यवस्था, परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया है। आयोजन के दौरान भक्तिमय वातावरण में छठी मइया के जन एवं लोक गीत, पद्य गायन, और भजन संध्या का आयोजन किया गया है। बिहार एवं पूर्वांचल की लोक संस्कृति को जीवंत करते हुए पारंपरिक वाद्ययंत्रों पर विशेष प्रस्तुति भोजपुरी साहित्य अकादमी, म.प्र. शासन के सहयोग से पटना के लोकप्रिय गायक कुमार उदय सिंह एवं कुमारी रानी जी के म्यूजिकल ग्रुप द्वारा दी जाएगी। बिहार सांस्कृतिक परिषद की पहल से स्थानीय कलाकारों के द्वारा महापर्व छठ पूजा की कथा, गीत एवं विधान को प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे युवा पीढ़ी में धार्मिक एवं सांस्कृतिक जागरूकता का संचार हो।
यह आयोजन महापर्व छठ पूजा की आस्था के साथ-साथ सामाजिक समावेशिता, सांस्कृतिक सौहार्द और सद्भावना का संदेश प्रसारित करता है। परिषद् श्रद्धालुओं, व्रतियों एवं नागरिकों से आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता की विनम्र अपील करता है।
महापर्व छठ पूजा के संयोजक श्री सतेन्द्र कुमार ने बताया कि यह पर्व बिहार की सांस्कृतिक आत्मा और भारतीय लोक परंपरा की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति है, जो सभी वर्गों को आपस में जोड़ने वाला पर्व बन चुका है।
इस अवसर पर बिहार सांस्कृतिक परिषद ने सभी श्रद्धालुओं को महापर्व छठ की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए जनसहभागिता और सांस्कृतिक एकता के संदेश को सशक्त करने का आह्वान किया है।

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