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पंचायत फेम एक्टर बुल्लू ने कहा मेरे अभिनय सफर का छठ से है गहरा रिश्ता

chhath puja 2025

:वेब सीरीज पंचायत उन चुनिंदा सीरीज में से है, जिसके हर किरदार ने लोगों के मन में अपनी छाप छोड़ी है. ऐसा ही एक किरदार माधव का है, जिसे परदे पर अभिनेता बुल्लू कुमार ने जीवंत किया है. बिहार के रहने वाले बुल्लू कुमार आज छठ के मौके पर  छठ से जुड़ी अपनी यादों को उर्मिला कोरी से सांझा की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश

छठ का नाम लेते ही क्या याद आने लगता है ?

मेरे लिए छठ का मतलब नाटक होता था. मैं उससे जुड़ी ढेरों यादें हैं. मैं नवादा से हूं. वहीं से एक्टिंग की शुरुआत हुई थी.पहली बार में स्टेज फीयर में कुछ बोल ही नहीं पाए थे. बड़ी बेइज्जती हुई थी. दो तीन साल बैन हो गए थे. उसके बाद मस्का मारकर फिर मौका पाए.एक दोस्त नाटक कर रहा था तो उसको गाना भी गाना था. मुझे गाना आता था. मैंने उसको ट्रेनिंग देने लगा ,लेकिन वह सुर नहीं पकड़ पा रहा था. कुल मिलाकर उससे गाना नहीं हो पा रहा था. मैंने दिमाग लगाकर कहा कि हम तुम्हारे सहयोगी की तरह काम करेंगे. तुम एक्टिंग करना। हम गाना गाएंगे. उसकी वजह से दूसरा मौका मिला. इस बार अच्छा किया. उसके बाद स्टेज से लगाव ही हो गया. उसके बाद तो छठ पूजा के स्टेज शोज में मेरा गाने का कॉमेडी का कोई ना कोई कार्यक्रम होता ही था.

छठ के काम की जिम्मेदारी में आपके हिस्से क्या- क्या होता था ?

छठ  पूजा से जुड़े कामों में भागीदारी की बात करूं तो छठ पर मिटटी का चूल्हा बनता है. उसे बनवाने के लिए मिटटी से लेकर हर चीज की जिम्मेदारी मेरी होती थी. घाट पर दौरा उठाकर लेना जाना भी मेरा ही जिम्मेदारी होती थी. नाटक भी करना होता था.दिन में काम किया और देर शाम के बाद नाटक, जो देर रात तक चलता था.जिससे शुरुआत में सुबह के अर्ध्य के समय उठने में बहुत दिक्कत भी होती थी,लेकिन समय के साथ दोनों को फिर बैलेंस करना सीखा.

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