
आज हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अक्सर उस समय कर बैठते हैं जब बच्चे को बुखार आता है. आज इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके बच्चे की तबियत को सुधारने की जगह बिगड़ने का कारण बन सकते हैं.
अक्सर बदलते हुए इस मौसम का सबसे ज्यादा असर घर के छोटे बच्चों पर पड़ता है. यह एक मुख्य कारण है कि पैरेंट्स को इस दौरान अपने बच्चों का ख्याल रखते समय ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए. एक छोटी सी गलती और बच्चे के सेहत पर और भी बुरा असर पड़ सकता है. बदलते हुए इस मौसम में बच्चे सबसे ज्यादा बुखार और सर्दी-खांसी की प्रॉब्लम से जूझते हैं. जब बच्चे बीमार पड़ते हैं तो पैरेंट्स घबरा जाते हैं और अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे बच्चों की सेहत सुधरती तो नहीं है बल्कि और भी ज्यादा बिगड़ सकती है. आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें पैरेंट्स को उस समय करने से बचन चाहिए जब बच्चे को बुखार आता है. चलिए इन गलतियों के वारे में विस्तार से जानते हैं.
थर्मामीटर से बुखार चेक न करने की गलती
अक्सर ऐसा होता है कि जब बच्चे को बुखार आता है तो पैरेंट्स सबसे पहले छूकर तापमान का अंदाजा लगाते हैं. एक्सपर्ट्स की अगर मानें तो यह पैरेंट्स की सबसे बड़ी गलतियों में से एक है. जब आपको लगे कि बच्चे को बुखार आया है तो उसे छूकर नहीं बल्कि थर्मामीटर का इस्तेमाल करना चाहिए. थर्मामीटर का इस्तेमाल कर तापमान को नापें और उसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचे.
डॉक्टर से पूछे बिना एंटीबायोटिक्स देना
बच्चे को जब बुखार आता है तो पैरेंट्स घबराकर उन्हें सबसे पहले एंटीबायोटिक्स देने लगते हैं. बता दें बुखार आने पर एंटीबायोटिक्स की जरूरत नहीं पड़ता है. कई बार ऐसा भी होता है कि एंटीबायोटिक्स की वजह से गंभीर साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. जब बच्चे को बुखार को आता है तो सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लें और उसके बाद ही बच्चे को कोई दवाई दें.
बच्चे को जबरदस्ती खाना खिलाने की कोशिश करना
जब बच्चे बीमार पड़ते हैं तो पैरेंट्स उनके सामने खाना खाने की जिद करने लगते हैं. पैरेंट्स का मानना होता है की खाना खाने से उनके शरीर को एनर्जी मिलेगी जिससे वे जल्दी ठीक हो सकते हैं. खाना खिलाने की जगह पर अपने बच्चे को हाइड्रेटेड रखने की कोशिश करें और उसे सूप पिलाएं.
एक साथ न दें कई तरह की दवाई
अक्सर टेंशन में आकर पैरेंट्स यह गलती कर देते हैं कि वे उसे एक साथ दो दवाई दे देते हैं फीवर रोकने के लिए. अगर बच्चे को बुखार आया हुआ है तो उसे डॉक्टर से पूछने के बाद ही पैरासिटामोल जैसी दवाई दें और एक दवाई से दूसरे दवाई के बीच 4 घंटे का गैप जरूर रखें.


