विद्युत सुधार अधिनियम 2003 का विद्युत क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा


कर्मचारियों और राष्ट्रीय एवं औद्योगिक हितों पर विद्युत अधिनियम 2003 के प्रतिकूल प्रभावों को उजागर करने के लिए अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ ने 29 अगस्त को देश भर के जिला मुख्यालयों और 9 अक्टूबर को सभी राज्यों की राजधानियों में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित किए और जिला प्रशासन के माध्यम से केंद्र सरकार को संबंधित ज्ञापन सौंपे।
इस पर संज्ञान लेते हुए आज 13 नवंबर, 2025 को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल को विस्तृत चर्चा के लिए अपने सचिवालय शक्ति भवन, नई दिल्ली में आमंत्रित किया।
बैठक में माननीय केंद्रीय विद्युत मंत्री, ऊर्जा सचिव और ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव स्तर के अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे ।
संगठन की ओर से श्री राधेश्याम जायसवाल (विद्युत विभाग प्रभारी, बीएमएस), श्री मधुसूदन जोशी (अध्यक्ष), श्री राजमुरुगन (महासचिव), श्री हरीश कुमार चौहान (उपमहासचिव) और श्री नटराजन (सचिव) उपस्थित रहे ।
इस बैठक में 25 अप्रैल 2025 को रायपुर में आयोजित अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय सम्मेलन में पारित पांचो प्रस्तावों और विद्युत क्षेत्र के श्रमिकों के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
🔹 चर्चा किए गए प्रमुख मुद्दे:
1. “एक राष्ट्र, एक ग्रिड, एक सेवा” सिद्धांत को लागू करने की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की गई।
2. विद्युत श्रमिकों की रोजगार सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 133 के अंतर्गत त्रिपक्षीय समझौते को सभी राज्यों में लागू करने पर सहमति बनी।
3. सार्वजनिक क्षेत्र की विद्युत कंपनियों के निजीकरण की संभावना पर चर्चा के दौरान, मंत्री महोदय ने स्पष्ट किया कि राज्य विद्युत कंपनियों का निजीकरण नहीं किया जाएगा।
4. संविदा एवं ठेका कर्मियों के लिए सामाजिक सुरक्षा, कानूनी सुरक्षा और सेवा स्थायित्व से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
5. विद्युत अधिनियम 2003 और विद्युत संशोधन विधेयक 2025 के प्रावधानों पर चर्चा के दौरान मंत्री महोदय ने आश्वासन दिया कि इन अधिनियमों का विद्युत क्षेत्र के कर्मचारियों की सेवा शर्तो और कार्य पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा।
*माननीय मंत्री महोदय ने संगठन को आश्वासन दिया कि अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के पांचो प्रस्तावों पर केंद्रीय स्तर पर विचार किया जाएगा। उन्होंने अपने ऊर्जा सचिव को निर्देश दिया कि वे दिसंबर 2025 के प्रथम सप्ताह में संगठन के साथ विस्तृत चर्चा के लिए एक विशेष बैठक आयोजित करें ताकि विद्युत अधिनियम 2003 और संशोधन अधिनियम 2025 के प्रावधानों सहित राज्यों में उत्पन्न होने वाले विभिन्न मुद्दों पर समस्याओं का निराकरण किया जा सके।
रमेश नागर अखिल भारतीय मीडिया प्रभारी ने इस बैठक को एक *सकारात्मक और सफल संवाद* माना है, जो भविष्य में श्रम संबंधी मुद्दों को बातचीत और सहयोग के माध्यम से हल करने का मार्ग प्रशस्त करेगा है।
अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ।
(भारतीय मजदूर संघ की औद्योगिक शाखा)



