गीता जयंती पर केंद्रीय जेल में गायत्री परिवार द्वारा होगा गीता पाठ व श्रद्धेया शैलबाला पंड्या का जन्मदिवस भी मनाया जाएगा
अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा की 1 दिसंबर को सरकार के द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार केंद्रीय जेल में गीता जयंती बड़े उल्लास और आध्यात्मिक वातावरण में मनाई जाएगी। इस अवसर पर कैदियों के लिए गीता पाठ, ध्यान, तथा व्यक्तित्व संवर्धन पर विशेष उद्बोधन का आयोजन होगा, जिसका उद्देश्य उन्हें आध्यात्मिक दिशा प्रदान करना और सकारात्मक जीवन मूल्यों से जोड़ना है। इस वर्ष का आयोजन विशेष इसलिए भी है क्योंकि गायत्री परिवार की प्रमुख श्रद्धेया शैलबाला पंड्या जी का जन्मदिवस भी इसी अवधि में पड़ रहा है। उनके प्रति सम्मान और आभार ज्ञापन के रूप में, 2 दिसंबर को गायत्री परिवार के प्रतिनिधि केंद्रीय जेल परिसर में ही उनका जन्मदिवस मनाएंगे। इसमें कैदियों को उनके जीवन, सेवा-कार्य और सद्गुणों से प्रेरित संदेश भी बताए जाएंगे। इसी के साथ, गायत्री शक्तिपीठ में भी श्रद्धेय शैलबाला पंड्या जी का जन्मोत्सव भक्ति, साधना और सामूहिक यज्ञ के साथ मनाया जाएगा। देशभर के गायत्री परिवार के साधक इस दिन को “सेवा एवं सद्भावना दिवस” के रूप में भी मनाने की तैयारी कर रहे हैं। सरकार द्वारा हर वर्ष मनाई जाने वाली गीता जयंती कार्यक्रम श्रृंखला के अंतर्गत यह आयोजन कैदियों के जीवन में आध्यात्मिक प्रकाश, आत्मचिंतन और सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से किया जाता रहा है। गायत्री परिवार का कहना है कि अध्यात्म और ध्यान के माध्यम से जेल में रहने वाले व्यक्तियों के जीवन में उल्लेखनीय सुधार दिखाई देता है।इस बार गीता जयंती और श्रद्धेया शैलबाला पंड्या जी के जन्मोत्सव का मिलन इस आयोजन को और भी विशेष और प्रेरणादायक बनाने वाला है।



