मनरेगा में लेखाधिकारी कर रहा मनमानी, शासन और प्रशासन बेखबर
टीकमगढ़ में अनुबंध नियम को ताक पर रखकर लेखाधिकारी को लूट की खुली छूट
भोपाल। मध्य प्रदेश में जवाबदार अधिकारियों की अनदेखी के कारण किस प्रकार मनरेगा योजना में गरीब कल्याण और विकास हो रहा है। टीकमगढ़ जिले से यह अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां अनुबंध सिस्टम का पूरी तरह मजाक उड़ाया जा रहा है। इस मामले की शिकायत भी की गई है। लेकिन जिला से लेकर राज्य स्तर के अधिकारी एक प्रकार से कुंभकरणी निद्रा में सो रहे हैं। जिससे सरकार को लाखों रुपए की चोट पहुंची है। इस मामले की शिकायत भी की गई है लेकिन गौर करने वाली बात है कि कोई ध्यान नहीं दिया। स्पष्ट है कि इस खेल में कहीं ना कहीं सक्षम अधिकारियों की भी मौन सहमति है।
– अनुबंध का उड़या गया पूरी तरह से मजाक- बृज किशोर पटेरिया-
जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कृषि एवं ग्रामीण मजदूर संघ मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष बृज किशोर पटेरिया द्वारा बताया गया कि राजीव सेन आत्मज स्वर्गीय श्री बृजलाल सेन का अनुबंध पत्र महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम का सूचना के अधिकार 2005 की धारा 6 (1) अंतर्गत प्राप्त किया वह अन्य दस्तावेज रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों का वेतन पत्रक एवं उपस्थिति रजिस्टर की सत्य प्रतिलिपि ली गई। उसमें व्यापक भ्रष्टाचार राजीव नापित (सेन) द्वारा किया जाना पाया गया। जिसका वर्णन बिंदुवार प्रस्तुत किया गया है। अनुबंध के पूर्व से कार्य करना अनुबंध की शर्तों के विपरीत है। कलेक्टर टीकमगढ़ एवं राजीव के मध्य दिनांक 3, जून 2022 अनुबंध पत्र के अनुसार हुआ है। जो अनुबंध पत्र बीके 957985 से प्रमाणित है। लेकिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन पत्र के अनुसार दिनांक 3 जून 2022 के पूर्व अप्रैल 2022 का मानदेय 56882 रुपए का भुगतान राजीव नापित द्वारा किया गया। उसी क्रम में लेखा अधिकारी मनरेगा राजीव नापित द्वारा मई 2022 का शुद्ध भुगतान 56882 रुपए प्राप्त किया है। जबकि इसका अनुबंध दिनांक 3 जून 2022 तक है। इसी प्रकार वर्ष 2023-24 से वर्ष 2024- 25 का अनुबंध भी दिनांक 5 अगस्त 2024 को हुआ। जिसमें शासन के कोष का दुरुपयोग किया गया और सरकार को चूना लगाया गया। जिससे प्रमाणित है कि दो माह एवं वर्ष 23-24 से 2024-25 का वेतन मानदेय बिना अनुबंध के प्राप्त कर शासन के राजकोष को अनधिकृत रूप से क्षति पहुंचाई गई है। श्री पटेरिया का आरोप है कि अनुबंध के पूर्व में बिना कार्य के वेतन विगत कई वर्षों से प्राप्त कर रहा है। जो शासन के साथ भारी धोखाधड़ी है। सर्वप्रथम रिकॉर्ड अनुसार वर्ष 13 अगस्त 2008 को एजुकेटिव ऑफिसर और जिला प्रोग्राम को-आर्डिनेटर एमपी जिला पंचायत टीकमगढ़ एवं राजीव नापित्त का अनुबंध 20 माह 28 दिन के लिए हुआ। जो 30 रुपए के स्टांप पेपर हुआ जबकि तत्कालीन समय के सर्विस अनुबंध 50 रपये के स्टांप पर होना चाहिए था इस प्रकार 20 रपये शासन को छति पहुंचाई गई। द्वितीय अनुबंध उभय पक्षों के मध्य 12 माह का हुआ जिसमें अनुबन्ध दिनांक ही अंकित नहीं है । तीसरा अनुबंध 2011 में हुआ जिस पर मात्र ₹30 की स्टांप पेपर का उपयोग किया गया उस पर अनुबंध दिनांक अंकित नहीं है। इसी तरह वर्ष 2012 में किए गए अनुबंध का दिनांक ही अंकित नहीं है जो 50 रपये के स्टांप पर है। वर्ष 2013 के 12 माह के अनुबंध पर अनुबंध दिनांक ही अंकित नहीं है। वर्ष 2015 का अनुबंध 12 माह का 100 रुपये के स्टांप पर रहा जो 12 माह का था। जिस पर दिनांक 29 अप्रैल 2014 को अनुबंध दिनांक अंकित है और 100 रपये के स्टांप पेपर पर ही 29 4 2014 को बाउंड भरा गया। वर्ष 2015 के अनुबंध में 12 माह की अवधि हेतु अनुबंध लेख है। जिस पर अनुबंध दिनांक अंकित नहीं है। वर्ष 2016 के अनुबंध सौ रुपए के स्टांप पेपर पर दिनांक 11 4 2016 को किया गया। वर्ष 2018 का अनुबंध दिनांक 18 4 2017 को 100 रपये के स्टांप पर लेख है। साल 1 जुलाई 2019 को किया गया। अनुबंध 14 2019 से 31 मार्च 2020 तक है। वर्ष 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक का अनुबंध 26 मई 2021 को हुआ तथा वर्ष 1 अप्रल 2022 से 31 मार्च 2023 का अनुबंध 3 जून 2022 को हुआ। इसी प्रकार वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 का अनुबंध दिनांक 5 अगस्त 2024 को हुआ। जिससे शासन को 4 माह के वेतन का चूना लगाया गया। जो 272650 रुपए होता है। इन सभी दस्तावेजों से प्रमाणित है कि सभी वेतन पत्रको में वेतन भुगतान अनुबंध पूर्व प्राप्त किया तथा अनुबंध बाद में किया। अनुबंध के पूर्व पद नाम लेखा अधिकारी लिखना एवं उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर करना उक्त कृत्य के साथ-साथ स्टांप पेपर ड्यूटी नहीं लगाना जो की धारा 409 भारतीय दंड विधान से धोखाधड़ी है। वह उच्च राशि का गबन किया गया है। राजीव सेन तत्कालीन लेखा अधिकारी संविदा मनरेगा को कलेक्टर टीकमगढ़ ने जांच दौरान दंडित किया है। क्योंकि मनरेगा योजना में कलेक्टर दर से रखे जाने का प्रावधान नहीं था। जिस पर आदेश क्रमांक 541 दिनांक 31 अगस्त 2022 द्वारा दो माह का वेतन राजसात हुआ तथा गंभीर अपराध में हरिजन एक्ट की प्राथमिकी दर्ज हुई। जो सेवा शर्तों के विपरीत होने से आयोग्य बनाता है। राजीव सेन द्वारा दिनांक 4 मार्च 2023 की रात्रि में 2:30 पर हर चरण अहिरवार कृषक को मां बहनों की अश्लील व गंदी-गंदी गालियां देकर जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया। उसके साथ मारपीट की। जिस पर थाना देहात टीकमगढ़ पर प्राथमिकी क्रमांक 0072 दर्ज हुई है।
– कलेक्टर द्वारा दंडित फिर भी दिया गया है अभयदान-
श्री पटेरिया कहना है कि टीकमगढ़ में लेखाधिकारी की कर तू तो पूरे प्रदेश की चर्चाओं में है। पटेरिया के अनुसार मनरेगा कार्यो में कलेक्टर दर पर रखे जाने का प्रावधान नहीं है। लेकिन स्वेच्छा चारिता का परिचय देकर दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को स्थाई कर्मी, अस्थाई वेतन का लाभ त्रुटि पूर्ण कैलाश चंद्र जैन सहायक वर्ग 3 एवं पुष्पेंद्र सिंह बुंदेला मध्य प्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के दैनिक बेतन भोगी की सीमा में नहीं आते तथा मनरेगा योजना में कलेक्टर दर पर रखे जाने का प्रावधान नहीं है। फिर भी लेख अधिकारी ने अपना खेल खेला। जिस पर कलेक्टर निवाड़ी के आदेश पर राजीव सेन का दो माह सितंबर 2022 एवं अक्टूबर 2022 का वेतन राज सात करने के दंड से दंडित किया है। स्पष्ट है कि अनुबंध बाद में एवं कार्य पूर्व में बिना अनुबंध के किया जो संविदा अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है जो क्रम राजीव सेन की नियुक्ति से प्रतिवर्ष उक्त तथ्य को दोहराया गया जो की गंभीर अनियमितता है। जिससे अनुबंध पूर्ण है लेखा अधिकारी मनरेगा मानकर प्रभार सौंपा। जबकि अनुबंध 1,4, 2022 से 31 मार्च 2023 तक का था। तथा अनुबंध 3, 6, 2022 एवं वर्ष 2023,24 एवं 24 वर्ष 2024-25 का अनुबंध 5 अगस्त 24 को हुआ। बिना अनुबंध अपने स्वयं का वेतन किस अधिकार से प्राप्त किया। यह गंभीर जांच का विषय है। इसके द्वारा एमबीए की अंकसूची स्थापना में जमा नहीं की गई है। वह डिग्री रिकॉग्नाइज्ड यूनिवर्सिटी से नहीं होने पर भी इन्हें लेखा अधिकारी किस आधार पर चयनित किया गया। इसका स्वास्थ्य परीक्षण व शैक्षणिक दस्तावेजों के दस्तावेज प्रत्येक वर्ष के अनुबंध के साथ नहीं लिए गए एवं किए गए भ्रष्टाचार पर कारवाई जरूरी है।