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आदित्य बिरला फैशन एंड रिटेल तथा GIZ इंडिया ने वाराणसी में आयोजित संकल्प भारत समिट 2024 के दौरान भारतीय कपड़ा एवं परिधान उद्योग के सर्क्युलरिटी दिशा-निर्देशों “स्टिचिंग द सर्कल: ए रोडमैप फॉर सर्कुलर टेक्सटाइल्स इन इंडिया” को लॉन्च किया

वाराणसी – 30 नवंबर, 2024: आदित्य बिरला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड (एबीएफआरएल) ने डॉयचे गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनेल ज़ुसामेनारबीट (Deutsche Gesellschaft für Internationale Zusammenarbeit) (GIZ) के साथ सहभागिता करके, वाराणसी में आयोजित संकल्प भारत समिट 2024 के दौरान, भारतीय कपड़ा एवं परिधान उद्योग के लिए अपनी तरह के पहले सर्क्युलरिटी दिशा-निर्देशों को बड़े गर्व के साथ लॉन्च करने का ऐलान किया है। इस समारोह में उद्योग जगत के धुरंधरों, सरकारी अधिकारियों और सस्टेनेबिलिटी के विशेषज्ञों सहित कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया, और भारतीय कपड़ा एवं परिधान क्षेत्र की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की अहमियत पर रोशनी डाली। यह परियोजना एक तीन-वर्षीय परिवर्तनकारी साझेदारी के उरूज पर पहुँचने की निशानी है। सर्क्युलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों, नवाचार और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करके भारतीय कपड़ा क्षेत्र को नई शक्ल देना इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य है।
“स्टिचिंग द सर्कल: ए रोडमैप फॉर सर्कुलर टेक्सटाइल्स एंड अपैरल इन इंडिया” शीर्षक से जारी ये दिशा-निर्देश एक विस्तृत गाइड है, जिसे रेखाकार कपड़ा कारोबार को सर्कुलर अर्थव्यवस्था वाले मॉडल में बदलने के इरादे से डिज़ाइन किया गया है। इसमें एबीएफआरएल और GIZ की सहभागिता वाली यात्रा के दौरान उठाए गए कई कदम शामिल हैं। इन पहलों का साझा लक्ष्य यह है कि कपड़े की मूल्य श्रृंखला में सस्टेनिबिलिटी को आगे बढ़ाया जाए, अपशिष्ट को कम किया जाए और संसाधनों की कार्यदक्षता को बढ़ावा दिया जाए।

एबीएफआरएल और GIZ के बीच इस दृष्टिकोण के साथ साझेदारी शुरू हुई थी कि कपड़ा उद्योग द्वारा उत्पन्न होने वाली पर्यावरण-संबंधी गंभीर चुनौतियों का समाधान निकाला जाए। पिछले तीन वर्षों में, इस सहभागिता ने भारत के टेक्सटाइल सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से कई असरदार पहलों का नेतृत्व किया है। इन पहलों में सर्कुलरिटी की वर्तमान स्थिति का आकलन करने के लिए एक व्यापक बेसलाइन सर्वेक्षण, स्थायी समाधानों को बढ़ावा देने के लिए सर्कुलरिटी इनोवेशन चैलेंज 2023 और कपड़ा मूल्य श्रृंखला में हितधारकों को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी प्रशिक्षण कार्यक्रम- “डिकोडिंग सर्कुलरिटी टुगेदर” शामिल हैं। एबीएफआरएल और GIZ ने कपड़ा आपूर्ति श्रृंखला के साथ सर्कुलर समाधानों को एकीकृत करने के लिए कुछ पायलट प्रोजेक्ट भी चलाए, जिन्हें जागरूकता बढ़ाने और कदम उठाने को प्रेरित करने वाले एक दिलकश नैरेटिव के जरिए दर्ज़ किया गया।

आदित्य बिरला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री आशीष दीक्षित का कहना है- “GIZ के साथ हमारी तीन साल की साझेदारी ऐसी परिवर्तनकारी यात्रा रही, जो सार्थक बदलाव लाने में औद्योगिक सहभागिता की असली ताकत को दर्शाती है। इन सर्कुलरिटी दिशानिर्देशों का लॉन्च होना, हमारे लिए एक निर्णायक क्षण है, जो सस्टेनेबिलिटी की दिशा में फैशन उद्योग के साथ सहभागिता करने और एक सर्कुलर टेक्सटाइल इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के प्रति हमारी अटल प्रतिबद्धता जाहिर करता है।”

लॉन्च हुए नए दिशानिर्देश, रेखाकार से सर्कुलर अर्थव्यवस्था वाले मॉडल में बदलने की व्यावहारिक रणनीतियाँ प्रस्तुत करते हैं। इसमें 6R एप्रोच (रीडिज़ाइन, रिड्यूस, रीयूज, रीमैन्युफैक्चर, रिसाइकल, रीजनरेट) शामिल है, जो कपड़ा उद्योग को अपशिष्ट घटाने तथा संसाधन कार्यदक्षता और सर्कुलरिटी को बढ़ाने की रूपरेखा प्रदान करता है। यह घोषणापत्र संगठन में मौजूद सर्कुलरिटी को मापने तथा वैश्विक प्रमाणन के साथ सस्टेनेबिलिटी के पंक्तिबद्ध होने को प्रोत्साहित करने वाले प्रमुख परफॉर्मेंस इंडीकेटर (KPIs) भी निर्धारित करता है।

केस स्टडीज और सर्वोत्तम कार्यप्रथाओं के माध्यम से, ये दिशा-निर्देश भारतीय कारोबारों की व्यावहारिक गाइड का काम करते हैं। इनका उद्देश्य यह है कि उत्पादन के हर चरण के साथ- सस्टेनेबल सामग्री की सोर्सिंग से लेकर उपभोक्ताओं को सर्कुलर प्रथाओं के साथ जोड़ने तक- सर्कुलरिटी को एकीकृत कर दिया जाए। इस दस्तावेज़ का उद्देश्य है कि उत्पादकों से लेकर नीति निर्माताओं तक, भारत में समूची मूल्य श्रृंखला को सामूहिक तौर पर एक सस्टेनेबल टेक्सटाइल इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रेरित किया जाए।

संकल्प भारत समिट 2024 में इन दिशा-निर्देशों का विमोचन होना, एबीएफआरएल और GIZ के द्वारा सस्टेनेबिलिटी की दिशा में की गई साझा यात्रा का बेहद अहम माइलस्टोन है। इस साझेदारी ने इंडियन टेक्सटाइल सेक्टर के लिए एक बेंचमार्क स्थापित कर दिया है, जो नवाचार और विकास को बढ़ावा देते हुए पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने वाले सर्कुलर बिजनेस मॉडल की सामर्थ्य दिखाता है। आगे बढ़ते हुए, एबीएफआरएल और GIZ अपने हितधारकों को सशक्त बनाने, पायलट परियोजनाओं का विस्तार करने तथा इस समूचे उद्योग में सर्कुलर कार्यप्रथाओं को व्यापक रूप से अपनाने की दिशा में अपना काम जारी रखने हेतु प्रतिबद्ध हैं।

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