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एआईसीटीई के समर्थन और एवीपीएल के सहयोग से मानव रचना यूनिवर्सिटी में एरोविज़न ड्रोन लैब (iFLY) का उद्घाटन, जो भारत के लिए ड्रोन विशेषज्ञों को तैयार करेगा


• प्रो. (डॉ.) अनिल सहस्रबुद्धे, अध्यक्ष – NETF, NBA, NAAC ने किया उद्घाटन
• इस अवसर की शोभा एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम की उपस्थिति से बढ़ी
• ड्रोन पायलटिंग, सर्विस एवं मेंटेनेंस और बैटरी सिस्टम्स जैसे केंद्रित करियर पथ
• कृषि, आपदा प्रबंधन, निगरानी और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर में ड्रोन आधारित हाई-इम्पैक्ट समाधान
फरीदाबाद, 28 जुलाई 2025: मानव रचना यूनिवर्सिटी में आज एक अग्रणी ड्रोन प्रशिक्षण एवं नवाचार केंद्र ‘एरोविज़न ड्रोन लैब’ (iFLY – इनोवेशन इन फ्लाइट लैबोरेटरी फॉर यूथ) का उद्घाटन हुआ। एआईसीटीई के सहयोग और एवीपीएल की साझेदारी में स्थापित यह लैब भारत की भविष्य-उन्मुख, कुशल ड्रोन वर्कफोर्स को तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उद्घाटन प्रो. (डॉ.) अनिल सहस्रबुद्धे, अध्यक्ष – नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (NETF), नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन (NBA) और नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) के अध्यक्ष ने किया। इस अवसर पर एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम और मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों के वरिष्ठ गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।
iFLY लैब को एक बहु-विषयक केंद्र के रूप में विकसित किया गया है, जो कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल, रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे बी.टेक. विशेषीकरण के छात्रों को ड्रोन पायलट, सेवा तकनीशियन और बैटरी सिस्टम विशेषज्ञ जैसे उभरते करियर के लिए तैयार करेगा। इसका उपयोग कृषि, निगरानी और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, “आज की पीढ़ी को उन तकनीकों का वास्तविक अनुभव मिलना चाहिए जो भारत के भविष्य को दिशा देंगी। iFLY सिर्फ एक प्रशिक्षण केंद्र नहीं, बल्कि यह शैक्षणिक उत्कृष्टता और राष्ट्रीय आवश्यकता का समागम है। कृषि, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रक्षा और आपातकालीन सेवाओं में ड्रोन की भूमिका निरंतर बढ़ रही है और ऐसे में मानव रचना की यह पहल तकनीकी शिक्षा के सही भविष्य को दर्शाती है।”
मानव रचना में अंतरविषयक और नवाचार आधारित शिक्षण को प्राथमिकता दी जाती है, और iFLY लैब इस सोच को धरातल पर उतारता है, जहाँ व्यावहारिक प्रशिक्षण, उद्योग से जुड़ी समझ और समन्वित शिक्षा एक साथ मिलते हैं।
प्रो. टी.जी. सीताराम, अध्यक्ष, AICTE ने कहा, “हम एक ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ AI, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, रोबोटिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग और बायोटेक्नोलॉजी जैसी तकनीकें उद्योगों को पुनर्परिभाषित कर रही हैं। ऐसे में जीवनभर सीखना और लगातार स्किल्स को अपग्रेड करना अब विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुका है।”
यह लैब एवीपीएल के सहयोग से स्थापित की गई है, जो ड्रोन निर्माण, प्रशिक्षण और एग्रीटेक आधारित वर्कफोर्स डेवलपमेंट में कार्यरत है। इस साझेदारी से छात्रों को उद्योग की नवीनतम तकनीकों, कार्यप्रणालियों और रोजगार केंद्रित सर्टिफिकेशन्स का प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा।
राजीव गुलाटी, एविएशन एंड पावर लिमिटेड ने कहा, “iFLY के माध्यम से हम ड्रोन इनोवेशन को उच्च शिक्षा का हिस्सा बना रहे हैं। मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिजाइन, संचार या फिर कृषि और सिविल इंजीनियरिंग, यह लैब छात्रों को वास्तविक, बहु-विषयक सीखने का अवसर प्रदान करती है।”
डॉ. प्रशांत भल्ला, अध्यक्ष – मानव रचना शैक्षणिक संस्थान ने कहा, “iFLY एक ज्ञान आधारित इकोसिस्टम की शुरुआत है जहाँ नवाचार, कौशल और उद्योग एक साथ आते हैं। हमारे छात्र सिर्फ आज के लिए प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं करेंगे, बल्कि भारत में इस उद्योग के भविष्य को भी आकार देंगे। मानव रचना में हम अपने इंजीनियरों को ऐसी शिक्षा और अनुभव देते हैं, ताकि वे भविष्य की ज़रूरतों के अनुरूप नवाचार कर सकें।”
डॉ. अमित भल्ला, उपाध्यक्ष, MREI ने कहा, “सबसे शक्तिशाली विचार वहीं जन्म लेते हैं जहाँ विषयों का मेल होता है। ड्रोन केवल उड़ने वाली मशीनें नहीं हैं, ये मैकेनिकल सिस्टम्स, एम्बेडेड इंटेलिजेंस, AI और मानवीय सोच का संगम हैं। iFLY हमारे छात्रों को समेकित सोच के साथ समस्या समाधान की दिशा में प्रेरित करेगा।”
प्रो. (डॉ.) दीपेंद्र कुमार झा, कुलपति, मानव रचना यूनिवर्सिटी ने कहा, “iFLY एक ऐसा मंच बनेगा जहाँ ड्रोन सेवाओं में एप्लाइड रिसर्च, उत्पाद विकास और स्टार्टअप इनक्यूबेशन को बढ़ावा मिलेगा। कृषि में एरियल एनालिटिक्स से लेकर आपदा प्रबंधन में ऑटोमेटेड रिस्पॉन्स तक, इसके उपयोग की कोई सीमा नहीं है। हमारा लक्ष्य केवल पेशेवर तैयार करना नहीं, बल्कि तकनीक में जिज्ञासा, नवाचार और नेतृत्व की भावना भी जगाना है।”
iFLY लैब का उद्देश्य भारत में विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित ड्रोन पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना है। यह ‘ड्रोन शक्ति’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे राष्ट्रीय अभियानों के अनुरूप है, जो ऑपरेटर स्तर से लेकर मेंटेनेंस, सिस्टम इंटीग्रेशन और AI-समर्थित ड्रोन इंटेलिजेंस तक की क्षमता निर्माण पर केंद्रित हैं।

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