
पुणे, 13 सितंबर: देश में फोर्जिंग उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे बड़ी संस्था, भारतीय फोर्जिंग उद्योग संघ (AIFI) ने हाल ही में भारत सरकार की ओर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार के बारे में की गई घोषणा का स्वागत किया है। भारत में मोटर-वाहन, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को मज़बूती देने में फोर्जिंग उद्योग की भूमिका बेहद अहम है, जिसने इस सुधार को बदलाव लाने का माध्यम बताते हुए कहा कि, इससे कामकाजी क्षमता बेहतर होगी, कारोबार और नियमों के पालन में आसानी होगी तथा दुनिया भर में लंबे समय के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
जीएसटी की नई व्यवस्था में संरचना को आसान बनाते हुए टैक्स स्लैब कम किया गया है, दरों को घटाया गया है, और अनुपालन में भी छूट दी गई है। फोर्जिंग उद्योग की बात करें, तो इससे कामकाज में आसानी होगी, लेन-देन की लागत कम होगी और कारोबारी माहौल का आसानी से अंदाजा लगाना संभव होगा। अनुपालन के बोझ को कम करके और सभी निर्माताओं को बराबर का मौक़ा देकर, इस सुधार से यह तय होगा कि फोर्जिंग से जुड़े बड़े-बड़े उद्यमों और MSMEs दोनों को समान रूप से लाभ हो। उम्मीद है की प्रक्रियाओं के अच्छी तरह व्यवस्थित होने से सुलह, ऋण के प्रवाह और अलग-अलग राज्यों में कामकाज से जुड़ी उन सभी पुरानी समस्याओं का समाधान होगा, जिन्होंने पहले से ही फोर्जिंग क्षेत्र के विकास पर बुरा असर डाला है।
इस मौके पर भारतीय फोर्जिंग उद्योग संघ (AIFI) के अध्यक्ष, श्री यश मुनोत ने कहा, “AIFI की ओर से, मैं हाल ही में घोषित जीएसटी सुधार के लिए आभार व्यक्त करता हूँ इसका और तहे दिल से स्वागत करता हूँ। पहले कुछ लेन-देन में इनपुट क्रेडिट का दावा करने में मुश्किलें आती थीं, लेकिन इस ऐतिहासिक फैसले के बाद से प्रक्रियाएँ आसान होंगी, नियमों के पालन का बोझ कम होगा और सभी मैन्युफैक्चरर्स को बराबर का मौक़ा मिलेगा। ऑटोमोटिव और मैन्युफैक्चरिंग कारोबार की कड़ी का एक अहम हिस्सा होने के नाते, फोर्जिंग उद्योग को इस सुधार से बहुत लाभ होगा, क्योंकि इससे लागत कम होगी और राज्यों के बीच होने वाला कामकाज भी आसान हो जाएगा। हमें पूरा यकीन है कि इस पहल से पूरी दुनिया में मुकाबला करने की भारत की क्षमता मजबूत होगी, निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के विकास में तेजी आएगी। AIFI में, हम एक मजबूत और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार के विजन के साथ मिलकर काम करने के संकल्प पर कायम हैं।”
उम्मीद है कि जीएसटी में सुधार के बाद मोटर-वाहन और पूंजीगत वस्तुओं के और ज़्यादा किफायती होने से मांग बढ़ेगी, जिससे अंतिम-उपयोग वाले प्रमुख क्षेत्रों में खपत को बढ़ावा मिलेगा। भारत दुनिया के मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है, और ऐसे में इस सुधार से निर्यात की बुनियाद मजबूत होगी, नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही फोर्जिंग उद्योग को भी अपनी क्षमता और इनोवेशन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। क्रेडिट नोट्स और नियमों के पालन की प्रक्रियाओं को आसान बनाने से प्रशासनिक खर्चों में और कमी आएगी, जिससे कंपनियाँ अपनी उत्पादकता बढ़ाने, नई टेक्नोलॉजी अपनाने और कर्मचारियों के विकास पर ध्यान दे पाएँगी। भारतीय फोर्जिंग क्षेत्र की एक आवाज़ होने के नाते, AIFI ने सस्टेनेबल तरीके से विकास को बढ़ावा देने के लिए नीति-निर्माताओं, उद्योग जगत से जुड़े लोगों और दुनिया भर के साझेदारों के साथ मिलकर काम करना जारी रखा है। AIFI भारत में कुल फोर्जिंग क्षमता के 80% से अधिक का प्रतिनिधित्व करता है, साथ ही सुधारों की हिमायत करने, टेक्नोलॉजी को अपनाने को बढ़ावा देने और दुनिया भर में मुकाबला करने की क्षमता को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है। उद्योग जगत के लिए सरकार के सहयोगी रवैये और जीएसटी जैसे सुधारों के साथ, AIFI भारत के मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को मजबूत करने, और देश के आर्थिक विकास व आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में योगदान देने के अपने संकल्प को फिर से दोहराता है।