
A+ प्रमाणन हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि है, जिसकी झलक विश्वविद्यालय के 3.26 के संचयी CGPA में भी दिखाई देती है
बेंगलुरु / 13 नवंबर, 2024: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से मान्यता प्राप्त दक्षिण भारत में उच्च शिक्षा के पहले निजी संस्थान, एलायंस यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा मूल्यांकन के पहले ही दौर में A+ ग्रेड से सम्मानित किया गया है।
A+ प्रमाणन हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि है, जिसकी झलक विश्वविद्यालय के 3.26 के संचयी CGPA में भी दिखाई देती है। संस्थान को सभी प्रमुख डोमेन में सर्वोच्च अंक प्राप्त हुए हैं: यानी पाठ्यक्रम संबंधी पहलुओं में 3.67, शिक्षण-अधिगम एवं मूल्यांकन में 3.64, बुनियादी सुविधाएँ एवं शिक्षण संसाधन में 3.9, तथा छात्रों की सहायता एवं प्रगति में 3.75 अंक प्राप्त हुए हैं। ये अंक इस बात को जाहिर करते हैं कि, यह विश्वविद्यालय अव्वल दर्जे के पाठ्यक्रमों की पेशकश करने, छात्रों पर केंद्रित शिक्षण उपलब्ध कराने, अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और मजबूत सहायता प्रणालियों में पूरी तरह सक्षम है। इसके अलावा, प्रशासनिक व्यवस्था, नेतृत्व एवं प्रबंधन में 3.57 का अंक इस बात को दर्शाता है कि एलायंस यूनिवर्सिटी ने रणनीतिक योजना, प्राध्यापकों की भलाई तथा गुणवत्ता को आश्वस्त करने वाले उपायों को कारगर तरीके से लागू किया है। संस्थागत मूल्यों एवं सर्वोत्तम कार्यप्रणाली में 3.4 के अंक से पता चलता है कि, यह संस्थान सभी को शिक्षा के दायरे में लाने तथा सस्टेनेबिलिटी के अपने संकल्प पर कायम है।
इस अवसर पर एलायंस यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति, डॉ. प्रीस्टली शैन ने कहा: “हम सभी को NAAC की इस मान्यता का इंतज़ार था, जो उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए एलायंस यूनिवर्सिटी के अटल इरादे को उजागर करती है। साथ ही इससे यह भी जाहिर होता है कि, इस संस्थान ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर अकादमिक और व्यावसायिक तस्वीर को बदलने में बेहद अहम भूमिका निभाई है। यह छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच इस विश्वविद्यालय के प्रति बढ़ते लगाव के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी, सरकारी फंडिंग और उद्योग जगत के सहयोग के लिए भी इसकी स्थिति को मजबूत करता है। निरंतर सुधार, उच्च गुणवत्ता वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर और रणनीतिक प्रशासनिक व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की वजह से ही उच्च शिक्षा के अग्रणी संस्थान के तौर पर एलायंस की स्थिति और मजबूत हुई है, जो सभी भागीदारों तथा पूर्व-छात्रों को प्रेरित करने के साथ-साथ उनमें आत्मविश्वास जगाता है।”
उन्होंने आगे कहा: “एलायंस यूनिवर्सिटी बेहतर गुणवत्ता वाली शिक्षा के ज़रिये सामाजिक बदलाव को आगे बढ़ाने के अपने संकल्प पर अडिग है। छात्रों को प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता के रूप में तैयार करने के लिए जरूरी कौशल, नैतिक आचरण और ज्ञान से सुसज्जित करना ही हमारा लक्ष्य है। हम अपने सभी हितधारकों के लिए इस बात की पुष्टि करते हैं कि, हम सीखने के सफ़र से जुड़े सभी पहलुओं में उत्कृष्टता, समावेशिता और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। हम साथ मिलकर, अपने समुदायों और उससे परे सभी के लिए उज्जवल, अधिक समतापूर्ण भविष्य को आकार देंगे।”
एलायंस यूनिवर्सिटी को NAAC का A+ प्रमाणन प्राप्त होना वास्तव में एक बड़ी उपलब्धि है, जो कर्नाटक के शिक्षा जगत के साथ-साथ विश्व स्तर पर शैक्षिक महागुरु के रूप में भारत की आकांक्षाओं में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में विश्वविद्यालय की भूमिका को उजागर करती है। डॉ. प्रीस्टली शैन ने कहा कि, यह गौरवपूर्ण मान्यता उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में एलायंस की स्थिति को मजबूत करती है, जिसने अपनी शैक्षणिक दृढ़ता, बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर और वैश्विक स्तर पर छात्रों की सफलता के प्रति अपने समर्पण के लिए पहचान बनाई है।
हाल के दिनों में एलायंस यूनिवर्सिटी को मिली मान्यताएँ शिक्षा के अग्रणी संस्थान के रूप में इसकी स्थिति को मजबूत करती हैं: यह NIRF 2024 में लॉ में 18वें तथा मैनेजमेंट में 70वें स्थान पर है, साथ ही इसने QS I-GAUGE से डायमंड रेटिंग प्राप्त की है, और टाइम्स बी-स्कूल रैंकिंग 2024 में यह निजी विश्वविद्यालय बी-स्कूलों में तीसरे स्थान (दक्षिण भारत में तीसरा और राष्ट्रीय स्तर पर 13वां स्थान) पर है। इसके अलावा, अटल इनोवेशन मिशन के AIC-RAISE द्वारा नेशनल सस्टेनेबिलिटी इम्पैक्ट इंस्टीट्यूशन की रैंकिंग (NSIIR) में एलायंस यूनिवर्सिटी को प्रथम स्थान दिया गया है। QS एशिया रैंकिंग 2024 में दक्षिण भारत में इस संस्थान को 238वां स्थान प्राप्त हुआ है, साथ ही 2025 की DIISC रैंकिंग में उपलब्धि का प्रमाण-पत्र इस बात को दर्शाता है कि यह संस्थान डिजिटल उत्कृष्टता और इनोवेशन के अपने संकल्प पर कायम है। इन उपलब्धियों से जाहिर होता है कि इस विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा, खास तौर पर मैनेजमेंट तथा कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में इसकी प्रतिष्ठा लगातार बढ़ रही है।