राजनीतिक

विवाद के बीच चुनाव आयोग ने तेजस्वी से मांगा जवाब

पूछा- जो EPIC दिखाया, वह कहां से आया?

मतदाता पुनरीक्षण कार्य और नए वोटर लिस्ट को लेकर लगातार केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर हमलावर रहे तेजस्वी यादव खुद सवालों के घेरे में आ गए हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता शनिवार से ही तेजस्वी यादव पर हमला बोल रही है। उन पर मतदाता पहचान पत्र घोटाला का आरोप लगा रही है। अब चुनाव आयोग ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को नोटिस भेज दिया है। उनसे सवाल पूछा कि दो-दो EPIC नंबर आपने कहां से लाया? इसलिए आप अपने EPIC कार्ड का विवरण मूल प्रति सहित आयोग को उपलब्ध कराएं।

चुनाव आयोग ने यह कार्ड उपलब्ध कराने को कहा
चुनाव आयोग ने लेटर जारी कर कहा कि दो अगस्त को आयोजित प्रेस वार्ता में आपके द्वारा आपका नाम प्रारूप मतदाता सूची में अंकित नहीं होने की बात बतायी गयी। जांचोपरांत यह पाया गया कि आपका नाम मतदान केन्द्र संख्या 204 (बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन) के क्रम संख्या 416 पर अंकित है, जिसका EPIC संख्या RAB0456228 है। प्रेस वार्ता के उद्धरण से आपके अनुसार, आपका EPIC संख्या RAB2916120 है, प्राथमिक जांच के अनुसार, EPIC संख्या RAB2916120 आधिकारिक रूप से निर्गत प्रत्तीत नहीं होती है। आपकी ओर आयोजित प्रेस वार्ता में बताये गये उल्लिखित ईपिक कार्ड का विवरण (कार्ड की मूल प्रति सहित) अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराने की कृपा की जाये, ताकि इसकी गहन जांच की जा सके।

राजद ने कहा- भाजपा के इशारे पर ऐसा हो रहा
अनुमंडल पदाधिकारी पटना सदर द्वारा नेता प्रतिपक्ष को भेजे पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित इंडिया गठबंधन के नेताओं द्वारा चुनाव आयोग से जो सवाल पूछा गया था और कई बिन्दुओं को स्पष्ट करने की मांग की गई थी, उससे ध्यान भटकाना चाहती है। चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए प्रारुप में बड़े पैमाने पर अनियमितता पाई गई है। प्रारुप के जिस पृष्ठ पर तेजस्वी यादव जी का नाम अंकित दिखाया गया है उसी पृष्ठ पर अनेकों अनियमितता पाई गई है। तेजस्वी जी जिस मकान में रहते हैं उसी मकान में मंटू कुमार भी रहते हैं। इसी प्रकार मकान संख्या 107 में विभिन्न उपनामों वाले मतदाताओं के नाम हैं। क्या एक ही परिवार के लोग विभिन्न उपनामों का प्रयोग करते हैं? इन विसंगतियों का जिम्मेदार कौन है? इसका जवाब कौन देगा? चुनाव आयोग को स्पष्ट करना चाहिए।

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