

अहमदाबाद, दिसंबर 2025: अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी ने हाल ही में अपना 7वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित किया, जिसमें बैचलर ऑफ डिज़ाइन, बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर, मास्टर ऑफ डिज़ाइन, अनंत फेलोशिप इन सस्टेनेबिलिटी एंड बिल्ट एनवायरनमेंट, एमएससी इन सस्टेनेबिलिटी एंड बिल्ट एनवायरनमेंट और अनंत फेलोशिप इन क्लाइमेट एक्शन सहित कुल 299 छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। इस समारोह के मुख्य अतिथि पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित, ज़ोहो कॉरपोरेशन के चीफ़ साइंटिस्ट और सह-संस्थापक डॉ. श्रीधर वेम्बू थे। अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष श्री अजय पीरामल, प्रोवोस्ट डॉ. संजीव विद्यासागर तथा बोर्ड के सदस्य भी समारोह में उपस्थित थे।
दीक्षांत संबोधन देते हुए डॉ. वेम्बू ने कहा, “अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी आकर मुझे अत्यंत आनंद हुआ। अनंत के छात्रों की रचनात्मकता और उद्देश्य-प्रधान डिज़ाइनों ने मुझे प्रभावित किया। यहाँ मैंने अद्भुत कार्य देखा, वह नवाचार जिसकी हमारे देश को आज अत्यंत आवश्यकता है। हम अक्सर अपने अतीत की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, लेकिन बहुत कम ही हम इस बात पर ध्यान देते हैं कि हम वर्तमान में क्या निर्माण कर रहे हैं। हमें अपनी जीवन-सीमा से परे सोचकर भविष्य के लिए निर्माण करना चाहिए और अनंत अपने छात्रों को यही सिखा रहा है।
अच्छा डिज़ाइन मन और आत्मा को ऊँचा उठाता है, और मैंने इस कैंपस में वही भावना जीवंत देखी है। सपने देखते रहिए, युवा बने रहिए, प्रासंगिक बने रहिए। जब आप अपना अहं छोड़कर किसी ‘बड़े प्रभाव’ की इच्छा छोड़ देते हैं, तब आप अक्सर अपना सबसे शक्तिशाली प्रभाव छोड़ते हैं। समस्या पर ध्यान केंद्रित करें, असाधारण कार्य स्वयं उत्पन्न होगा।”
डॉ. श्रीधर वेम्बू ने 1996 में ज़ोहो कॉरपोरेशन की सह-स्थापना की और 2000 से 2024 तक कंपनी के सीईओ रहे। 2025 में उन्होंने एआई सहित गहन-तकनीक अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए चीफ़ साइंटिस्ट की भूमिका ग्रहण की। ज़ोहो कॉरपोरेशन आज भारत की सबसे बड़ी सॉफ़्टवेयर प्रोडक्ट कंपनी है, जिसने भर्ती, प्रशिक्षण, उत्पाद रणनीति, लोकेशन और ग्राहक संतुष्टि जैसे क्षेत्रों में अलग दिशा अपनाई है, जिसका आधार संतोष और विनम्रता को प्राथमिक गुण मानने वाला दर्शन है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष श्री अजय पीरामल ने कहा,
“डिज़ाइन हमें उद्योगों को नए सिरे से गढ़ने, समुदायों को पुनर्निमित करने और पर्यावरण को पुनर्जीवित करने के उपकरण देता है। यह ‘मेक इन इंडिया’ की आकांक्षा से ‘डिज़ाइन फॉर इंडिया’ के दर्शन की ओर बढ़ने का मार्ग है, जो रचनात्मकता, शिल्पकला और संवेदना में निहित है। अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी में, हम स्वयं को इस राष्ट्रीय मिशन का हिस्सा मानते हैं। हम केवल डिज़ाइन नहीं सिखा रहे, बल्कि युवाओं को जीवन, समाज और समय की चुनौतियों में इसे लागू करना भी सिखा रहे हैं। हम उन्हें रचनात्मकता को ऐसे करियर में बदलने में सक्षम बना रहे हैं जो दुनिया को बदलते हैं, सुधारते हैं और उसे पुनर्निर्मित करते हैं।”
दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्रों को बधाई देते हुए प्रोवोस्ट डॉ. संजीव विद्याथी ने कहा,
“जैसे ही आप अपने जीवन के इस नए अध्याय में प्रवेश कर रहे हैं, याद रखें कि इससे बेहतर समय शुरुआत करने के लिए हो ही नहीं सकता था। भारत एक उल्लेखनीय अवसर के दौर में खड़ा है। हम बढ़ रहे हैं, नवाचार कर रहे हैं और ‘विकसित भारत’ बनने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहे हैं। और आप उसी भारत के निर्माताओं में से होंगे, एक ऐसा भारत जो सस्टेनेबल, समावेशी और वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त होगा। एक ऐसा भारत जहाँ डिज़ाइन थिंकिंग शासन, उद्योग और दैनिक जीवन को बेहतर बनाएगा।”
समारोह के दौरान सभी कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी सम्मानित किया गया। इनमें अकादमिक उत्कृष्टता, उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन, सर्वश्रेष्ठ नवाचार, सर्वश्रेष्ठ ग्रेजुएशन प्रोजेक्ट, सर्वश्रेष्ठ थीसिस, सर्वश्रेष्ठ लाइव-एक्शन प्रोजेक्ट और बेस्ट स्टूडेंट जैसे पुरस्कार शामिल थे। दीक्षांत समारोह के लिए विश्वविद्यालय परिसर को एक जीवंत प्रदर्शनी स्थल में बदल दिया गया था, जहाँ गैलरियों, ऑडिटोरियम और स्टूडियो में छात्रों के कार्य प्रदर्शित किए गए, जो उनके नवाचार और समर्पण की यात्रा का उत्सव थे।
अतीत में अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोहों में पद्मभूषण एवं पद्मश्री सम्मानित श्रीमती सुधा मूर्ति, पद्मविभूषण श्री बी. वी. दोसाई, पद्मभूषण श्री एन. चंद्रशेखरन और तमिलनाडु के माननीय राज्यपाल श्री आर. एन. रवि सम्मिलित रह चुके हैं।



