हार्वर्ड के मंच पर अंकित पचौरी की पत्रकारिता को सराहना
अमेरिका हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ‘नियमन रिपोर्ट्स’ में अंकित पचौरी की पत्रकारिता पर विशेष लेख
नियमन रिपोर्ट्स’ में अंकित पचौरी की प्रेरक कहानी प्रकाशित
मध्यप्रदेश के पत्रकार की आवाज़ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गूंजी
भोपाल। मध्यप्रदेश के चर्चित पत्रकार अंकित पचौरी ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित पत्रकारिता प्रकाशन ‘नियमन रिपोर्ट्स’ ने उनकी संघर्षशील और प्रेरणादायक पत्रकारिता पर एक विशेष लेख प्रकाशित किया है। लेख में अंकित की पिछले तीन वर्षों की रिपोर्टिंग को सराहा गया है, जिसमें उन्होंने वंचित और उपेक्षित समुदायों की आवाज़ को सशक्त रूप से उठाया। ‘नियमन रिपोर्ट्स’ ने विशेष रूप से उस घटना का जिक्र किया है, जब उन्होंने मध्यप्रदेश की एक दलित महिला के लिव-इन रिलेशनशिप से जन्मी बच्ची के शिक्षा के अधिकार को लेकर अभियान चलाया। यह मुद्दा मुख्यधारा के मीडिया में नजरअंदाज कर दिया गया था, लेकिन अंकित की साहसिक रिपोर्टिंग ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया।
अंकित पचौरी ने अपने 10 वर्षों के पत्रकारिता करियर में दलितों, आदिवासियों और हाशिए पर खड़े समुदायों के अधिकारों और उनके जीवन के संघर्षों को उजागर किया है। ‘द मूकनायक’ जैसे डिजिटल मंचों के माध्यम से उन्होंने सामाजिक न्याय और संवेदनशील मुद्दों पर बेबाक रिपोर्टिंग की है। हार्वर्ड के इस लेख में यह भी उल्लेख किया गया है कि अंकित ने सीमित संसाधनों के बावजूद डिजिटल मीडिया को एक सशक्त हथियार बनाकर सामाजिक अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उपेक्षित वर्गों की आवाज़ को मुख्यधारा तक पहुंचाया। यह लेख न केवल अंकित पचौरी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि भारतीय डिजिटल पत्रकारिता में हो रहे सकारात्मक बदलाव और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। यह मध्यप्रदेश के पत्रकारिता समुदाय के लिए गर्व का क्षण है, जो कठिन परिस्थितियों में भी समाज को बदलने का प्रयास कर रहा है।