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आसाराम को HC से झटका, अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार, जोधपुर जेल में किया सरेंडर

नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे प्रवचनकर्ता आसाराम ने राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार करने के बाद शनिवार को जोधपुर केंद्रीय कारागार में आत्मसमर्पण कर दिया। आसाराम (84) को 12 साल की कैद के बाद पहली बार इस साल 7 जनवरी को चिकित्सा कारणों से जमानत दी गई थी। न्यायमूर्ति दिनेश मेहता और न्यायमूर्ति विनीत कुमार माथुर की पीठ ने 27 अगस्त को सुनवाई के दौरान आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने या निरंतर चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता नहीं है। आसाराम के वकील निशांत बोधा ने 27 अगस्त को सुनवाई के दौरान दलील दी कि प्रवचनकर्ता को 21 अगस्त को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर ले जाया गया था, जहां चिकित्सकों ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति में गिरावट आने की जानकारी दी थी।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया और मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर भरोसा करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने यह भी कहा कि आसाराम ने पिछले 3 से 4 महीनों में इलाज के लिए कई यात्राएं कीं और विभिन्न शहरों के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करवाया, लेकिन किसी भी अस्पताल में नियमित रूप से ‘फॉलो-अप’ नहीं कराया।

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