दीपावली पर प्रमुख शहरों में पूजा का शुभ मुहूर्त, राशि के अनुसार करें पूजा अर्चना

इस बार दीपावली पर्व 20 अक्टूबर सोमवार को मनाया जा रहा है, इस बार आमावस् तिथि 20 अक्टूबर को शाम 3.45बजे से प्रारंभ होगी तथा 21 अक्टूबर मंगलवार को शाम 5.50 मिनट मे खत्म होगी। मां चामुंडा दरबार शाहजहांनाबाद भोपाल के पुजारी राम संजीवन दुबे के मुताबिक दीपावली का पर्व लक्ष्मी पूजन और समृद्धि की आराधना का पावन अवसर है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार 2025 में दीपावली पूजन के लिए निम्न शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहे हैं —
*प्रदोष काल*
शाम 5:46 बजे से रात 8:18 बजे तक
प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन करने से सभी प्रकार के ऋण, दरिद्रता और कष्ट दूर होते हैं। यह काल विशेष रूप से गृहस्थों के लिए अत्यंत शुभ रहता है।
*वृषभ लग्न (स्थिर लग्न)*
शाम 7:25 बजे से रात 9:25 रात्रि तक
यह समय अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि स्थिर लग्न में किया गया पूजन स्थायित्व और दीर्घकालिक समृद्धि प्रदान करता है।
*महानिशीथ काल(काल रात्रि)*
रात 11:41 बजे से 12:31 बजे तक
यह समय साधकों और विशेष उपासना करने वालों के लिए अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है। इस काल में मां लक्ष्मी की आराधना करने से अद्भुत सिद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
*स्थिर लग्न (सिंह) में पूजन का समय*
*रात्रि 1:55 बजे से 4:00 बजे तक
यदि वृषभ लग्न का समय छूट जाए तो सिंह लग्न में अवश्य पूजन करे, इस समय स्थिर लग्न काल रात्रि और ब्रम्ह मुहूर्त दोनों मिलेंगे।
*20 अक्टुबर अमावस तिथि*
*20 अक्टुबर सोमवार अमावस तिथि दोपहर 3.45 से 21 अक्तुबर मंगलवार शाम 5.50 तक रहेगी इस समय महालक्ष्मी पूजन का शुध्द व सही मुहूर्त है इस समय किया गया पूजन आपको श्रेष्ठ फल देगा.
*महालक्ष्मी के विषय मे सम्पूर्ण जानकारी*
मां लक्ष्मी अपने भक्तों की धन से जुड़ी हर तरह की समस्याएं दूर करती हैं. इतना ही नहीं, देवी साधकों को यश और कीर्ति भी देती है.
*मां लक्ष्मी की महिमा*
धन और संपत्ति की देवी हैं मां लक्ष्मी, माना जाता है कि समुद्र से इनका जन्म हुआ और इन्होंने श्रीविष्णु से विवाह किया. इनकी पूजा से धन की प्राप्ति होती है, साथ ही वैभव भी मिलता है, अगर लक्ष्मी रुष्ट हो जाएं, तो घोरदरिद्रता का सामना करना पड़ता है, ज्योतिष में शुक्र ग्रह से इनका सम्बन्ध जोड़ा जाता है, इनकी पूजा से केवल धन ही नहीं, बल्कि नाम, यश भी मिलता है, इनकी उपासना से दाम्पत्य जीवन भी बेहतर होता है.
*लक्ष्मी की पूजा के नियम
*मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए.
*मां लक्ष्मी के उस प्रतिकृति की पूजा करनी चाहिए, जिसमें वह गुलाबी कमल के पुष्प पर बैठी हों, साथ ही उनके हाथों से धन बरस रहा हो.
*मां लक्ष्मी को कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है.
*मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप स्फटिक की माला से करने पर वह तुरंत प्रभावशाली होता है.
*मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.
*अलग-अलग समस्याओं के लिए महालक्ष्मी का पूजन
*नियमित धन प्राप्ति के लिए*- धन लक्ष्मी की पूजा. मां लक्ष्मी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें उनके हाथों से धन गिर रहा हो. चित्र के समक्ष घी का एक बड़ा सा दीपक जलाएं, इसके बाद उनको इत्र समर्पित करें,वही इत्र नियमित रूप से प्रयोग करें.
विभिन्न राशियों के लिये लक्ष्मी पूजन
*मेष, सिंह और धनु*
ये तीनो अग्नि तत्व प्रधान राशि है इन राशि वालों के लिए धन लक्ष्मी की पूजा विशेष लाभकारी होती है,मां लक्ष्मी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें उनके पास अनाज की ढेरी हो.चावल की ढेरी पर लक्ष्मीजी का स्वरूप स्थापित करें उनके सामने घी का दीपक जलाएं, उनको चांदी का सिक्का अर्पित करें. पूजा के उपरान्त उसी चांदी के सिक्के को अपने धन स्थान पर रख दें.
*मिथुन, तुला और कुम्भ राशि
इन राशि वालों के लिए गजलक्ष्मी के स्वरूप की आराधना विशेष होती है,कारोबार में धन की प्राप्ति के लिए गज लक्ष्मी की पूजा,लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें दोनों तरफ उनके साथ हाथी हों.
लक्ष्मीजी के समक्ष घी के तीन दीपक जलाएं, मां लक्ष्मी को एक कमल या गुलाब का फूल अर्पित करें,पूजा के उपरांत उसी फूल को अपनी तिजोरी मे रख दें.
*वृष, कन्या,मकर*
इस राशि के लोगों के लिए ऐश्वर्य लक्ष्मी की पूजा विशेष होती है. नौकरी में धन की बढ़ोतरी के लिए: ऐश्वर्य लक्ष्मी की पूजा, गणेशजी के साथ लक्ष्मीजी की स्थापना करें, गणेश जी को पीले और लक्ष्मी जी को गुलाबी फूल चढ़ाएं, लक्ष्मीजी को अष्टगंध चरणों में अर्पित करें, नित्य प्रातः स्नान के बाद उसी अष्टगंध का तिलक लगाएं.
*कर्क, वृश्चिक और मीन राशि*
इस राशि के लिए वरलक्ष्मी की पूजा विशेष होती है. धन के नुकसान से बचने के लिए: वर लक्ष्मी की पूजा मे लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें. जिसमें वह खड़ी हों और धन दे रही हों,उनके सामने सिक्के तथा नोट अर्पित करें,पूजन के बाद यही धनराशि अपनी तिजोरी मे रखें, इसे खर्च न करें. उपरोक्त विधि विधान से पूजन करने पर महालक्ष्मी आप पर प्रसन्न होगीं तथा घर मे समृद्धि व प्रसन्नता आयेगी.
*देश के प्रमुख शहरों में वृषभ लग्न में महालक्ष्मी पूजन का शुद्ध समय
*दिल्ली 7:100 से 9:00 रात्रि*
*चंडीगढ़ 7:05से 9:00रात्रि*
*अमृतसर 7:10 9:05रात्रि*
*शिमला 7:00 से 9:00रात्रि*
*श्रीनगर 7:05 से 9:00 रात*
*जम्मू 7:00 से 9:05 रात्रि*
*जयपुर 7:15 से 9:15रात्रि*
*जैसलमेर 7:35 से 9:30रात्*
*जोधपुर 7:30 से 9:25 रात*
*अहमदाबाद 7:35 से 9:35*
*भुज 7:45 से 9:45*
*मुम्बई 7:40 से 9:40*
*नागपुर 7:10 से 9:10*
*संभाजीनगर 7:30 से 9:30*
*हैदराबाद 7:20 से 9:25*
*बंगलौर 7:,30 से 9:30*
*चेन्नई 7:20से 9:25*
*हुबली 7:40 से 9:40*
*उडिपि 7:40 से 9:40*
*सीलीगुरी 6:25 से 8:25*
*कोलकता 6:30 से 8:30*
*गौहाटी 6:15 से 8:15*
*डिब्रुगड 6:00 से 7:55*
*इटानगर 6:05से 8:00*
*आईजोल 6:15से 8:10*
*इम्फाल 6:05 से 8:05*
*तिरुचिरापली 7:30से 9:25*
*नागेर्कॉइल केरल 7:40 से 9:40*
*पटना 6:40 से 8:40*
*रांची 6:40 से 8:45*
*बिलासपुर छत्तीसगढ़ 7:00 से 9:00*
*रायपुर 7:05 से 9:05*
*हरिद्वार 7:00 से 9:00*
*बनारस 6:55 से 8:55*
*लखनऊ 6:55से 8:55*
*तिरुपति 7:25 से 9:25*
*पुरी 6:50 से 8:45*
*इन्दौर 7:20 से 9:20*
*उज्जैन 7:20 से 9:20*
*ग्वालियर 7:10 से 9:10*
*भोपाल 7:15से 9:15*
*जबलपुर 7:05 से 9:05*