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ऑस्ट्रेलियाई मेंटल हेल्थ स्टार्टअप ‘गिव मी फाइव’ ने भारत में लॉन्च किया ऐप

 

भारत, नवंबर 22, 2025: ऑस्ट्रेलियाई साइकोलॉजिकल वेलनेस स्टार्टअप गिव मी फाइव (GM5) ने 50 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 30 करोड़ रुपये) के शुरुआती निवेश के साथ भारतीय बाजार में प्रवेश किया और अपना GM5 बीटा ऐप लॉन्च किया। अभ्यासरत मनोवैज्ञानिकों द्वारा विकसित और टेस्ट किया गया यह ऐप रोजाना की मानसिक सेहत की जांच और ट्रैकिंग के लिए पूरी तरह गोपनीय, सुरक्षित और आसान प्लेटफॉर्म है।

ऐप की मुख्य सुविधाएं: व्यक्तिगत लक्ष्यों के आधार पर मनोवैज्ञानिक जरूरतों की कस्टमाइज्ड जांच, आपातकाल में एक टैप पर SOS कॉन्टैक्ट, पूरी तरह एन्ड-टू-एन्ड एन्क्रिप्शन, सरल भाषा में मार्गदर्शन, व्यक्तिगत वेलनेस सेफ्टी प्लान और 24×7 ऑफलाइन एक्सेस अपने चुने हुए सपोर्ट नेटवर्क तक।

भारत में यह B2C (डायरेक्ट टू कंज्यूमर) लॉन्च GM5 की मौजूदा B2B मौजूदगी को पूरा करता है। 2019 में डॉ. लिसा फही और ब्रेंडन फही द्वारा स्थापित GM5 पिछले कई सालों से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में पूर्व सैनिकों, स्कूलों, एनजीओ और देखभाल संस्थानों के साथ काम कर रहा है। भारत में पिछले 3 साल से यह स्कूलों के साथ जुड़ा हुआ है और छात्रों की मानसिक सेहत को समझते हुए इसे बढ़ावा दे रहा है।

भारत प्रवेश पर संस्थापक एवं सीईओ डॉ. लिसा फही ने कहा, “भारतीय परिवार एक-दूसरे को भावनात्मक सपोर्ट देना चाहते हैं, लेकिन शुरू कहां से करें पता नहीं चलता। भारत में प्रति लाख लोगों पर सिर्फ 0.75 मनोचिकित्सक और 0.7 मनोवैज्ञानिक हैं। ज्यादातर लोग मानसिक परेशानियां चुपचाप या इनकार में झेलते हैं, क्योंकि मदद दूर और मुश्किल लगती है। हमारा ऐप बिना कलंक के चुपचाप खुद की जांच करने और सपोर्ट लेने का आसान रास्ता देता है।”

कर्नाटक और तेलंगाना में 5,000 से ज्यादा छात्रों के हालिया सर्वे में पाया गया कि 10-18 साल के 24% बच्चों में मानसिक तनाव के लक्षण हैं और 6-10% को तुरंत मदद की जरूरत है। 60% से ज्यादा को नींद की समस्या, 70% क्लास में फोकस करने में दिक्कत है। करीब 40% बच्चों को लगातार माता-पिता या टीचर को निराश करने का डर रहता है और कई अकेलापन महसूस करते हैं। सबसे बड़े तनाव के कारण हैं – माता-पिता को निराश करने का डर, नींद की कमी और एकाग्रता न होना।

GM5 का लक्ष्य है कि भारत में हर व्यक्ति और परिवार तक कलंक-मुक्त, शुरुआती मानसिक स्वास्थ्य जांच और सपोर्ट पहुंचाए और देश में टेक्नोलॉजी आधारित आसान मानसिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए।

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