एजुकेशनमध्य प्रदेश

वन प्रबंधन में रोजगार के सर्वोत्तम अवसर

भारतीय वन प्रबंध संस्थान, भोपाल किया भावी हरित प्रबंधकों का स्वागत, किया नए सत्र 2024-26 का शुभारंभ

भोपाल स्थित प्रमुख केंद्रीय संस्थान भारतीय वन प्रबंध संस्थान (भा.व.प्र.स) ने नए शैक्षणिक सत्र 2024-26 के लिए अपने प्रमुख एम.बी.ए कार्यक्रम – वानिकी प्रबंधन एवं सततपोषणीयता प्रबंधन में 200 नविन छात्रों को शामिल किया। उभरते हरित प्रबंधकों का यह समूह देश के 22 क्षेत्रों (राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों) का प्रतिनिधित्व करेगा, इस समूह में इंजीनियरिंग, विज्ञान, वाणिज्य और कला की विविध पृष्ठभूमि से छात्र-छात्रा शामिल है जिसमे विशेष रूप से 40% महिला छात्रों के साथ संतुलित लैंगिक समानता है।

उदघाटन समारोह में मुख्य अतिथी के रूप में मध्य प्रदेश के पी.सी.सी. ऍफ़ एवं हॉफ श्री असीम श्रीवास्तव उपस्थित रहे। वहीँ विशिष्ठअतिथि के रूप में एलुमनाई श्री राजाराम शंकर, श्री निकेश कुमार सिन्हा एवं प्रोफ. आर श्रीनिवासन उपस्थित रहे। अपने उद्घाटन भाषण में भारतीय वन प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ. के. रविचंद्रन ने कहा, “अगले दो वर्षों में, जब आप स्नातक होंगे, तो आप देश में सबसे अधिक मांग वाले पेशेवरों में से एक होंगे। यह दो वर्षीय कार्यक्रम छात्रों की व्यवहारिक, कार्यात्मक और डोमेन विशेषज्ञता को बढ़ाता है। पाठ्यक्रम संरचना पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. रविचंद्रन ने कहा, “इन दो वर्षों के बाद आप गहरी समझ, विश्लेषणात्मक क्षमताओं और रचनात्मक पेशेवर के रूप में उभरेंगे।”

इस विशेष दिन को चिह्नित करने एवं यादगार बनाने के लिए, नए प्रवेशित छात्र भरिया वन प्रबंध संस्थान परिवार के साथ भारत की “मिशन लाइफ” पहल के “#एक_पेड़_माँ_के_ नाम” #Plant4 Mother अभियान के तहत अपने हरित पदचिह्न की चाप छोड़ते हुए वृक्षारोपण किया। इस द्विसाप्ताहिक कार्यक्रम में, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, स्थिरता, विकास, कॉर्पोरेट, व्यवसाय, बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय और परामर्श क्षेत्रों के विद्वान नए छात्रों के साथ बातचीत करेंगे। जिससे छात्रों को क्षेत्रों के बारे में जानने और उन्हें उभरते पेशेवर अवसरों के लिए उन्मुख करने और अगले दो वर्षों के लिए भारतीय वन प्रबंध संस्थान में उनकी शैक्षणिक खोज में मदद करने का अवसर प्रदान करेगा। साथ ही, भावी हरित प्रबंधकों कोपचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व और भीमबेटका के क्षेत्र दौरों के माध्यम से मध्य प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता और प्राकृतिक विरासत से अवगत कराया जाएगा।

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