अध्यात्ममध्य प्रदेश

देवशयनी ग्यारस से देवउठनी ग्यारस के बीच यह शक्तियां सम्हालतीं हैं श्रृष्टि का संचालन:पं०सुशील (निशाचरों को नहीं मिलता अशुभ करने का मौका)

श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम के पीठाचार्य पं०सुशील महाराज ने जानकारी देते हुए वताया है।कि देवशयनी ग्यारस से देवउठनी ग्यारस के बीच निम्न शक्तियां श्रृष्टि संचालन में अपनी महती भूमिका निभातीं है श्राबंण में -भोले शिव श्रृष्टि संचालन की कमान सम्हाल लेते हैं । ,भादों मास में -श्री कृष्ण कन्हैया अवतरित हो जाते हैं। ,क्वार मांस में-श्री गणेश जी पधार जाते हैं।एवं मां दुर्गा जी का आगमन हो जाता है।दीपावली पर श्री राम का आगमन हनुमान के साथ हो जाता है। देवउठनी ग्यारस को-सभी देवता जाग जाते हैं।पितृ पक्ष में प्रत्येक परिवार की रक्षा उस परिवार के पितर करते है।बेचारे असूर राह ताकते रह जाते हैं।धर्म की- जय होती है।अधर्म का-नाश होता है।प्राणियों में -सदभावना होती है ।विश्व का – कल्याण हो।ऐसा सभी धार्मिक श्रृद्धालुओं का भाव होता है।रघुपति राघव राजा राम।, पतित पावन सीताराम।। का गुणगान होता है ।
(पं०सुशील महाराज)
शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम

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