भोपाल केयर्स फोरम एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं ने रोपे पौधे

भोपाल। नयापुरा टेकरी पहाड़ी माता मंदिर नयापुरा, आम्रपाली रोड भोपाल के निकट आरक्षित नगर वन क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तात्या टोपे भाग की पर्यावरण पर्यावरण संरक्षण गतिविधि : पेड़ परिचय, वृक्षरोपण, वन-भ्रमण, पर्यावरण संरक्षण गीत स्लोगन, कार्यक्रम स्थल पर जलपान के लिए पलाश के पत्तों का निर्माण,
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तात्या टोपे भाग की पर्यावरण पर्यावरण संरक्षण गतिविधि अंतर्गत भोपाल शहर के पर्यावरण मित्रों एवं युवाओं का भोपाल केयर्स फोरम एवं अन्य सामाजिक संस्थांओं ने आज दिनांक 29 जून, 2025 को प्रातः 07:00 से 12 बजे तक विभिन्न संरक्षण गतिविधियों के अंतर्गत पेड़ परिचय, वृक्षरोपण, वन-भ्रमण, पर्यावरण संरक्षण गीत स्लोगन, कार्यक्रम स्थल पर जलपान के लिए पलाश के पत्तों का निर्माण किया गया। इस पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के विभिन्न गतिविधियों में पेड़ परिचय, वृक्षरोपण, वन-भ्रमण, पर्यावरण संरक्षण गीत स्लोगन, कार्यक्रम स्थल पर जलपान के लिए पलाश के पत्तों का निर्माण सम्मलित रहीं। वन क्षेत्र वृक्षारोपण हेतु भोपाल केयर फॉर्म ने 75(विभिन्न प्रजाति) उदित नारायण अरोरा ने 12(विभिन्न प्रजाति), कर्नल पीयूष श्रीवास्तव 10(कचनार), जसवंत गौर 10(बील), हितेंद्र एवं सुषमा सिंह 27(अमलतास, गुलमुहर, बांस एवंबेंत आदि), मयंक वर्मा 2(बढ़ एवं पीपल), प्रकाशनारायण-सावित्री बिरवा 2(बढ एवं पीपल), बी.एस. मालवीय 10 (जामुन एवं अन्य प्रजाति) का सहयोग किया। जनभागीदारी से पर्यावरण मित्रों आम नागरिकों में अन्य लोगो के आलावा माधव नगर से बैभव वर्मा, रविंद्र निगम, अरुणेश मिश्रा, प्रवीण सक्सेना, राम गुर्जर डॉ मनीष राय, राजेंद्र द्विवेदी, दीपक राजोरिया, डॉ सौरभ दुबे, प्रसिध्द गेस्टों सर्जन अपोलो हॉस्पिटल, प्रभात कुमार कौशिक, ज्योति कौशिक, प्रदीप कुमार गुप्ता, डॉ गुरुदत्त मिश्रा, शैलेन्द्र कुमार नायक आदि विशेष सक्रियता रही। पर्यावरण गीत एवं पर्यावरण स्लोगन हितेंद्र सिंह ने प्रतिपादित किया। सहभागियों ने रिमझिम बरसात में बन भ्रमण एवं पेड़ परिचय का आनंद लिया का आनंद लिया। संपूर्ण पर्यावरण गतिविधि पेड़ परिचय, वन भ्रमण आदि टोपे जिला सह पर्यावरण प्रमुख विपिन दीक्षित ने किया। पलाश के पत्तों के दोने एवं पत्तल निर्माण प्रशिक्षण शैलेन्द्र कुमार नायक एवं हितेंद्र सिंह द्वारा किया गया एवं प्रशिक्षण के दौरान इस कार्यक्रम में जलपान हेतु 300 दोना पत्तल की निर्माण किया गया।