भोपाल का पोस्ट-इंडस्ट्रियल डिजास्टर रिडेवलपमेंट फिर से बजट में जगह नहीं बना पाया

मध्यप्रदेश का 2025-26 बजट शहरी विकास और आर्थिक विस्तार की दिशा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ करता है, लेकिन यह राजधानी भोपाल सहित हमारे बड़े शहरों को एक निवेश एवं आर्थिक केंद्र बनाने की दृष्टि से अभी भी अधूरा लगता है।शहरी विकास के लिए ₹8,075 करोड़ का बजट पिछली वर्ष की तुलना में 2,000 करोड़ अधिक है, लेकिन यह राष्ट्रीय औसत 3.4% से अब भी कम 2.7% है। विकास योजनाएँ और उनके उचित क्रियान्वयन में कमी हमारी सबसे बड़ी बाधा है। पर्यटन और धरोहर बजट में 2028 के सिंहस्थ महापर्व के लिए ₹2,000 करोड़, लेकिन क्या भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन सर्किट से जोड़ने की कोई ठोस रणनीति बनी? यह सवाल राज्य के मिलियन प्लस आबादी के शहरों के सामने है। भोपाल का पोस्ट-इंडस्ट्रियल डिजास्टर रिडेवलपमेंट फिर से बजट में जगह नहीं बना पाया, जबकि राजधानी के ग्रीन SEZ और मिश्रित उपयोग वाली शहरी पुनर्विकास योजनाओं की सख्त जरूरत है। भोपाल को सिर्फ प्रशासनिक राजधानी नहीं, एक मजबूत आर्थिक इंजन के रूप में विकसित करने की योजना इस बजट में प्राथमिकता होनी चाहिए थी। भोपाल महज़ एक राजधानी नहीं, एक गौरवपूर्ण इतिहास, संस्कृति और विकास का जीवंत केंद्र है। हमारा मिशन ‘कमाल का भोपाल’ तब तक जारी रहेगा, जब तक हम भोपाल को उसके यथार्थ गौरव और वैश्विक पहचान के शिखर तक नहीं पहुँचा देते। यह सिर्फ एक अभियान नहीं, भोपाल के हर नागरिक का साझा संकल्प है।
मनोज मीक, अध्यक्ष क्रेडाई