बीआईएस भोपाल के निदेशक पार्थ सारथी मंडल ने विश्व मानक दिवस पर समझाया गुणवत्ता का महत्व
सेमिनार में 300 से अधिक छात्र और उद्योग जगत के प्रतिनिधि हुए शामिल
भोपाल, 14 अक्टूबर । विश्व मानक दिवस के अवसर पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), भोपाल शाखा द्वारा ‘मानक महोत्सव’ का आयोजन किया गया। यह सेमिनार भोपाल के होटल रेडिसन में आयोजित किया गया, जिसमें 300 से अधिक छात्र एवं अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य देश में गुणवत्ता और मानकों के महत्व को उजागर करना था, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य हैं।सेमिनार के दौरान, बीआईएस भोपाल के निदेशक एवं प्रमुख पार्थ सारथी मंडल ने अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने विद्यार्थियों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य उपस्थित लोगों को मानकों और गुणवत्ता नियंत्रण के महत्व से अवगत कराया। इस अवसर पर एनआईटीटीटीआर के निदेशक प्रोफेसर सी.सी. त्रिपाठी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया एवं एसजीडी 9 तथा मानकीकरण पर अपने विचार व्यक्त किए। सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीपेट) के प्रिंसिपल डायरेक्टर संदेश कुमार जैन और लोक शिक्षण संचालनालय के संयुक्त संचालक धर्मेन्द्र शर्मा, एपीसीसीएफ डॉ उत्तम कुमार सुभुद्धि एवं उपभोक्ता संरक्षण मध्य प्रदेश की डिप्टी सेक्रेटरी रंजना पाटने विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने अपने विचार साझा किए।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान बनाने है और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने गुणवत्ता जरूरी
बीआईएस भोपाल के निदेशक पार्थ सारथी मंडल ने कहा, “अगर हमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बनानी है और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना है, तो सबसे पहले हमें अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा। उच्च गुणवत्ता के साथ सख्त मानकों को अपनाना अनिवार्य है, ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में हम अपनी जगह बना सकें। यह देश की आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण कदम है।“
वेस्ट डिस्पोजल और ट्रीटमेंट पर मानक मंथन में विशेष प्रेजेंटेशन
बीआईएस भोपाल के वैज्ञानिक मोहम्मद रिज़वान ने “वेस्ट डिस्पोजल और ट्रीटमेंट” पर एक विशेष प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने बीआईएस की विभिन्न पहलों के बारे में जानकारी दी और बताया कि बीआईएस हर महीने ‘मानक मंथन’ कार्यक्रम आयोजित करता है, जिसमें नागरिक और उद्योग जगत के प्रतिनिधि अपने सुझाव और फीडबैक साझा कर सकते हैं। यह फीडबैक स्टैंडर्ड कमिटी तक पहुँचाया जाता है ताकि मानकों में समयानुसार सुधार किए जा सकें और उन्हें और भी प्रासंगिक और प्रभावी बनाया जा सके।उन्होंने बताया कि बेहतर दुनिया के साझा लक्ष्यों के तहत इस साल बीआईएस का मुख्य फोकस SDG 9 (Industry, Innovation, and Infrastructure) पर है। सितंबर 2015 में, संयुक्त राष्ट्र द्वारा 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDG) की घोषणा की गई थी, जिनमें कुल 167 टारगेट निर्धारित किए गए थे। इन 17 सतत विकास लक्ष्यों में SDG 9 विशेष रूप से उद्योगों में नवाचार, टिकाऊ अवसंरचना और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
बीआईएस भोपाल के उप-निदेशक राहुल ने सेमिनार में बीआईएस की लाइसेंसिंग प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बीआईएस के मानकों, गुणवत्ता नियंत्रण और उद्योगों के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल्स के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण और मानकों का पालन करने से उत्पादों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ती है और यह देश की आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, एमएलबी गर्ल्स हायर सैकेंडरी बीएचईएल की छात्राओं को रीजनल साइंस सेंटर का भ्रमण करवाया गया। सेमिनार के समापन पर, मानकों के प्रति जागरूकता फैलाने में योगदान देने वाले आरएसटी एवं एक्सपोजर विजिट करवाने वाले लाइसेंसधारकों को पार्थ सारथी मंडल ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में, बीआईएस भोपाल के उपनिदेशक संजय विश्वकर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।