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बोधगया—आस्था और बौद्ध धम्म का केंद्र: भंते शाक्यपुत्र सागर थेरो


भोपाल, 9 मार्च 2025:
बुद्धभूमि धम्मदूत संघ के तत्वावधान में आज बुद्धभूमि महाविहार मोनास्ट्री, चुनाभट्टी, कोलार रोड, भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय बोधगया आंदोलन के समर्थन में एक भव्य धम्मसभा का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक सभा में भोपाल और मध्यप्रदेश के सैकड़ों बौद्ध विहारों के प्रतिनिधि, भिक्षु संघ, बुद्धिजीवी और बौद्ध अनुयायी एकत्रित हुए। सभी ने एकमत होकर बोधगया की पावन भूमि की रक्षा एवं संरक्षण का संकल्प लिया।
बोधगया मात्र एक ऐतिहासिक धरोहर नहीं, बल्कि करोड़ों बौद्ध अनुयायियों की श्रद्धा, आस्था और धम्म का मूल केंद्र है। यही वह पवित्र भूमि है जहां भगवान बुद्ध ने सम्यक संबुद्धत्व प्राप्त किया और जिससे संपूर्ण विश्व में बौद्ध धम्म का प्रसार हुआ। किंतु आज यह धम्मभूमि संकट में है। सभा में बोधगया एवं अन्य बौद्ध स्थलों के संरक्षण और उनके धार्मिक अधिकारों की रक्षा को लेकर गहन चर्चा की गई।
धम्मसभा में लिए गए ऐतिहासिक निर्णय-
भंते शाक्यपुत्र सागर थेरो के नेतृत्व में इस धम्मसभा में निम्नलिखित पांच महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए—1. बोधगया और अन्य बौद्ध धर्म स्थलों की रक्षा एवं विकास के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन को और अधिक सशक्त किया जाएगा।2. संविधान प्रदत्त धार्मिक अधिकारों की रक्षा हेतु शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावशाली आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।3. मध्यप्रदेश सहित संपूर्ण भारत के बौद्ध भिक्षु संघों, उपासक-उपासिकाओं और सामाजिक संगठनों को संगठित कर आंदोलन को व्यापक रूप दिया जाएगा।
4.बोधगया के समर्थन में भोपाल में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
5.महामहिम राज्यपाल के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर भंते शाक्यपुत्र सागर थेरो ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सभी बौद्ध अनुयायी एकजुट होकर अपनी पावन धम्मभूमि के संरक्षण हेतु संगठित हों। हम बोधगया प्रबंधन समिति 1949 एक्ट को रद्द करने की मांग करते हैं और इसके लिए हर स्तर पर आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। बोधगया केवल भारत ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व में बौद्ध धम्म का केंद्र है। यदि वहां बौद्ध भिक्षु संघ और अनुयायियों को न्याय नहीं मिलेगा, तो यह बिहार सरकार के लिए एक बड़ी चेतावनी होगी।
धम्म सभा में सैकड़ों बौद्ध भिक्षु, बुद्धिजीवी, उपासक-उपासिकाएं और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। आगामी 1-2 दिनों में बोधगया में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन में भोपाल से 500-600 से अधिक बौद्ध अनुयायियों के भाग लेने की संभावना है। अब यह आंदोलन केवल एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि बुद्ध की शिक्षाओं, धम्म की गरिमा और बौद्ध समाज की अस्मिता की रक्षा का महासंग्राम है।
इस धम्मसभा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बौद्ध समाज अपने धार्मिक अधिकारों और पावन स्थलों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। बुद्ध की करुणा और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए, यह आंदोलन न्याय एवं धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक निर्णायक कदम साबित होगा।
भवदीय
भंते राहुलपुत्र
(व्यवस्थापक, बुद्धभूमि महाविहार मोनास्ट्री, भोपाल)