सद्कर्मों से जीव अपना अंत समय सुधार सकता है प्राची देवी

सद्कर्मों से जीव अपना अंत समय सुधार सकता है प्राची देवी
भोपाल| मृत्यु जीवन का अंतिम सत्य है “आया है सो जाएगा राजा रंक फकीर” इस संसार में जो भी जीव आता है वह अपने कर्मों के अनुरूप सुख- दुख: भोगता ही है अपने सद्कर्मों एवं भागवत भजन से व्यक्ति को अपना अंत समय सुधार कर भगवान के परमधाम को विदा लेना चाहिए ऐसा व्यक्ति कई वर्षों तक इस नश्वर संसार में अपना नाम अमर कर लेता है| विट्ठल मार्केट दशहरा मैदान में चल रही भागवत कथा के आज अंतिम दिवस पूज्य प्राची देवी ने कृष्ण- सुदामा प्रसंग पर कहा कि “धीरज, धर्म, मित्र, अरु नारी आपतकाल परखिए चारी” मित्रता कभी अमीर और गरीब देखकर नहीं होती श्री कृष्ण सुदामा की मित्रता इसका श्रेष्ठ उदाहरण है इन दोनों की मित्रता सांसारिक जीवन के लिए एक आदर्श स्वरूप भी प्रतिपादित करती है| श्री कृष्ण सुदामा के मिलन का सजीव चित्रण और रुक्मणी कृष्ण की झांकी में उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया| मुख्ययजमान स्वदेश सरोज सोनी प्रभात भारत विश्व बंधु सोनी प्रदीप मिलन प्रमोद नेमा के बाद उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ का पूजन किया कल प्रातः 10 से 12 बजे तक हवन आरती तत्पश्चात भंडारा होगा कार्यक्रम का सफल संचालन विमल भंडारी ने किया|