कैप्री ग्लोबल कैपिटल की हरित पहल: रूफटॉप सोलर फाइनेंस के साथ ग्रीन फाइनेंस में प्रवेश
~ लोन सेवा प्रदाता के तौर पर क्रेडिट फेयर से साझेदारी की
~आने वाले वर्षों में अलग से 1000 करोड़ रूपये की लोनबुक बनाने का लक्ष्य
मुंबई, 23 अक्टूबर । कैप्री ग्लोबल कैपिटल लि. (कैप्री लोन्स), एक प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी), ने एमएसएमई लोन्स के तहत अपना रूफटॉप सोलर फाइनेंस प्रोडक्ट लॉन्च किया है। ऋण मुहैया कराने वाली यह कंपनी लोगों और व्यवसायों को अपने इस्तेमाल के लिये सौर ऊर्जा की शक्ति का लाभ उठाने में मदद करेगी। इससे पर्यावरण के ज्यादा अनुकूल भविष्य का रास्ता बनेगा।
कैप्री सोलर फाइनेंस परेशानी से मुक्त फाइनेंसिंग समाधान की पेश्कश करती है, जिसमें कोलेटरल की आवश्यकता नहीं होती है और दस्तावेजों की जरूरत कम से कम होती है। ऐसे में पांच मिनट से कम समय में लोन की स्वीकृति मिल जाती है और इसका वितरण महज 4 से 6 घंटे में हो जाता है। कैप्री ग्लोबल ने नवीकरण-योग्य ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रहे फिनटेक क्रेडिट फेयर के साथ साझेदारी की है। इसके द्वारा ग्राहक डिजिटल तरीके से 50,000 रूपये से लेकर 2,500,000 रूपये तक के लोन प्राप्त कर सकेंगे। यह लोन प्रतिस्पर्द्धी ब्याज दरों पर मिलेंगे और इनमें सोलर मॉड्यूल्स, इनवर्टर्स, बैटरीज तथा इंस्टॉलेशन का पूरा खर्च शामिल होगा। यह अपने इस्तेमाल के लिये सोलर प्रोजेक्ट लेने का एक शानदार विकल्प बन जाएगा। क्रेडिट फेयर अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये ऋण को अधिक सुलभ बनाएगा, ताकि ग्राहकों को बढि़या अनुभव मिले।
वर्ष 2027 तक रेसिडेंशियल रूफटॉप सोलर कैपेसिटी को बढ़ाने पर लक्षित, सरकार के नेशनल सोलर मिशन के लिये कंपनी की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, कैप्री ग्लोबल कैपिटल लि. के सीबीओ (एमएसएमई लोन) श्री अमर राजपुरोहित ने कहा, ‘‘हम रूफटॉप सोलर फाइनेंस के क्षेत्र में जल्दी कदम रखने वाले एनबीएफसी में से एक बनने के लिये उत्सुक हैं। हम यह उम्मीद करते हैं कि वर्ष 2029 तक भारत में रूफटॉप सोलर मार्केट का आकार 34.99 गीगावाट तक पहुंच जाएगा। कैप्री सोलर फाइनेंस इस व्यवसाय में आने वाले वर्षों में 1000 करोड़ रूपये का लोन बुक साइज हासिल करना चाहती है। शुरूआत का पहला चरण राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात पर केन्द्रित होगा। साल के अंत तक हम दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड तक विस्तार करने की योजना में हैं।’’
क्रेडिट फेयर के साथ साझेदारी का लाभ बताते हुए, उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम भारत के प्रमुख सौर पैनल उत्पादकों और ईपीसी इंस्टॉलर्स के साथ एक इकोसिस्टम बना रहे हैं, जिससे हमारे मिशन को गति मिलेगी। क्रेडिट फेयर का डिजिटल प्लेटफॉर्म सोलर एनर्जी को व्यापक तौर पर अपनाने में तेजी लाएगा और टीयर 2, 3 तथा 4 शहरों के घरों एवं व्यवसायों को खुद की बिजली बनाने में सशक्त करेगा। सोलर एनर्जी के मामले में इसका भारत के लक्ष्यों में योगदान भी होगा। क्रेडिट फेयर के साथ सूचीबद्ध वेंडर कैप्री सोलर फाइनेंस क्रेडिट के फायदे ले सकेंगे। अपने ग्राहकों के लिये हम सोलर पावर को अपनाना आसान, सुलभ और परेशानी से मुक्त बना रहे हैं।’’
कैप्री सोलर फाइनेंस में पुनर्भुगतान के विकल्प लचीले होंगे। इनमें कैप्री लोन्स के नये ग्राहकों को पाँच साल और मौजूदा ग्राहकों को छह साल तक का समय मिलेगा। यह लोन उन घरमालिकों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, वेतनभोगी लोगों, एमएसएमई और कारखानों के लिये उपलब्ध है, जो अपने यहां सौर समाधान लगाना चाहते हैं।