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छत्तीसगढ़ राज्य की शर्त बनी नासूर, रिटायर कर्मचारियों से सुविधाएं हुई दूर

-जीवनपयोगी वस्तुओं के बढ़ रहे दाम, रिटायर सेवख बोले वृद्धावस्था में गायब सम्मान

भोपाल। केंद्र के समान महंगाई भत्ता न मिलने से वंचित एक बार फिर कर्मचारियों ने दर्दीली दहाड़ लगाई है। खासकर रिटायर कर्मियों की पीड़ा है कि जीवनपयोगी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता कभी भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। जबकि कर्मचारी निरंतर मांग उठा रहे हैं। आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ की मामूली सी शर्त को सरकार समाप्त नहीं करवा पा रही है। जिसके कारण भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
– कर्मचारियों का किया जा रहा भारी आर्थिक नुकसान- खुर्शीद सिद्धीकी-
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध पेंशनर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष खुर्शीद सिद्धिकी का कहना है कि
साल में सब्जियों के दाम 60 एवं दालों के दाम 15 से 20 फीसदी वृद्धि हुई है। जबकि कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता नहीं मिला है। पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में 9200 करोड रुपए सरकार ने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता समय पर न देकर नुकसान किया है। राज्य के कार्यरत एवं सेवानिवृत्ति 12 लाख कर्मचारियों का इम्तिहान ना ले सरकार तो बेहतर होगा। जब तक छत्तीसगढ़ कि भारत समाप्त नहीं होगी तब तक इसी प्रकार परेशानी होती रहेगी।
– निरंतर महंगाई बढ़ने से आर्थिक रुप से टूट रहे हैं कर्मचारी- अनिल बाजपेई
पेंशनर्स नेता अनिल बाजपेई का कहना है कि राज्य के 7.50 लाख कर्मचारी एवं 4.50 लाख सेवानिवृत कर्मचारी महंगाई भत्ता व मंहगाई राहत न मिलने से बढ़ती हुई महंगाई में काफी परेशानी महसूस कर रहे हैं। जहां सर्वे में सब्जियों के दाम 60 व दाल अन्य चीजों के दाम 20 प्रतिशत बढे हुए बताए गए हैं। वहीं प्रदेश के कर्मचारियों को 4 फीसदी महंगाई भत्ता महंगाई राहत सरकार द्वारा नहीं दी जा रही है। जो कि महंगाई का सामना करने के लिए ही दिया जाता है। यह समय पर न मिलने से सेवानिवृत कर्मचारियों को ज्यादा परेशानी हो जाती है। क्योंकि उनके लिए वृद्धावस्था में कई प्रकार की बीमारी में भी खर्च होता है।
– केंद्र से निरंतर पिछड़ते रहे हैं कर्मचारी- राजीव शर्मा-
मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेश सचिव राजीव शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा सभी वर्गों के कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है केंद्र द्वारा जुलाई 23 से 4 फीसदी महंगाई भत्ता व महंगाई राहत दे दी गई है। इसके बाद फिर कर फीस दी बढ़ाया। सरकार द्वारा कई बार घोषणा की गई है कि केंद्र के समान और केंद्रीय दर से ही दिया जाएगा लेकिन न देने से सरकार की वादा खिलाफी जाहिर हो रही है‌ कर्मचारी का 1 जुलाई 2023 से बकाया महंगाई भत्ता महंगाई राहत नहीं दी जा रही है।
– सरकार को रिटायर कर्मचारियों की समस्या पर देना होगा ध्यान- वीरेंद्र

मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के वीरेंद्र खोगल का कहना है कि आचार संहिता के पूर्व मांग उठाई गई थी कि तत्काल से चार पीस दी महंगाई भत्ता को भुगतान किया जाए। लेकिन शासन में कोई ध्यान नहीं दिया।
जबकि आचार संहिता में छत्तीसगढ़ और राजस्थान द्वारा जुलाई 2023 से 4 फीसदी महंगाई भत्ता प्रदान कर दिया गया है पहले भी सरकार द्वारा कर्मचारियों को उनका एरियर ना देकर 9200 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा दिया है। सरकार को समस्या पर ध्यान देना होगा अन्यथा कर्मचारी आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

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