
अहमदाबाद, 19 सितंबर 2025: A डॉ. सुनील शुक्ला, डायरेक्टर जनरल, ईडीआईआई के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 17 एवं 18 सितंबर 2025 को मिज़ोरम का दौरा किया। इस दौरान मिज़ोरम एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (MEDI) की स्थापना को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। प्रस्तावित संस्थान राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रशिक्षण, कौशल विकास तथा मार्गदर्शन सहयोग प्रदान करेगा। माननीय मुख्यमंत्री श्री लालदुहोमा ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की विशाल संभावनाओं को स्वीकार करते हुए इसके शीघ्र क्रियान्वयन का आश्वासन दिया। माननीय मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य विविध संसाधनों से परिपूर्ण है। उद्योग, कृषि, रेशम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण तथा एमएसएमई के विकास जैसे क्षेत्र यदि सही ढंग से उपयोग में लाए जाएं तो यह अपार अवसरों के द्वार खोल सकते हैं। प्रशिक्षण, परामर्श और विचारों का इनक्यूबेशन सही संसाधनों को दिशा देकर उद्यमिता सफलता की नई श्रृंखला तैयार कर सकता है। हम ईडीआईआई के सहयोग से MEDI की स्थापना के इस सपने को साकार करने की ओर आशान्वित हैं। इस दिशा में एक विशेष समन्वय समिति का गठन किया जाएगा और विभिन्न राज्य विभागों को एक साथ लाकर इस पहल को तीव्र गति प्रदान की जाएगी।”
दौरे के दौरान, डॉ. सुनील शुक्ला ने माननीय राज्यपाल मिज़ोरम, जनरल (डॉ.) विजय कुमार सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम (सेवानिवृत्त); श्री चीमला शिव गोपाल रेड्डी, आईएएस, निदेशक, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, मिज़ोरम सरकार सहित कई वरिष्ठ राज्य अधिकारियों से भी बातचीत की। माननीय राज्यपाल ने कहा, “राज्य अपने संसाधन भंडार पर गर्व करता है और इनमें प्रगतिशील उद्यमों में परिवर्तित होने की क्षमता है। मेरी केवल यही अपेक्षा है कि संसाधनों का उपयोग अवश्य हो, परंतु पारिस्थितिकी और पर्यावरण पर कोई प्रभाव न पड़े। पर्यटन विशेष रूप से अपार संभावनाओं और उद्यमी नवाचार तथा प्रगति के क्षेत्र के रूप में उभर रहा है। मिजोहट्स जैसी होमस्टे की अवधारणाओं का अन्वेषण किया जा सकता है, जिनको पर्यटकों द्वारा निश्चित रूप से बडा पसंद किया जायेगा। मैं इस पहल को अत्यंत लाभकारी मानता हूँ।”हस्तशिल्प और हथकरघा, कृषि, बांस उत्पाद उद्योग, एमएसएमई, फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा आदि जैसे क्षेत्रों को विशेष रूप से तैयार की गई रणनीति और मॉड्यूल के माध्यम से व्यवहार्य उद्यमों में बदला जा सकता है। राज्य में एक रचनात्मक और महत्वाकांक्षी युवा वर्ग भी उभर रहा है, जिनके पास विचार हैं, जो नवाचार और प्रयोग करने के इच्छुक हैं, लेकिन उन्हें प्रशिक्षण और दिशा की आवश्यकता है।ईडीआईआई विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ एमएसएमई पर भी ध्यान देगा, ताकि मिज़ोरम में एक समग्र उद्यमशील अर्थव्यवस्था का निर्माण हो सके। इस ऐतिहासिक कदम पर अपनी राय व्यक्त करते हुए, डॉ. सुनील शुक्ला, डायरेक्टर जनरल, ईडीआईआई ने कहा,
“मिज़ोरम की अर्थव्यवस्था अपने विशिष्ट संसाधनों के साथ असाधारण है, और वास्तव में इसे उद्यमिता और स्टार्टअप प्रोत्साहन की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ घनिष्ठ रूप से जोड़ा जाना चाहिए। जहाँ राज्य मशीनरी अत्यधिक सहायक है, वहीं लोग भी उतने ही सहयोगी हैं, सीखने और खोज करने के इच्छुक हैं। मुझे विश्वास है कि यह पहल सार्थक परिणामों की ओर ले जाएगी।”ईडीआईआई पहले ही 12 राज्य सरकारों के साथ-साथ कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम की सरकारों को उनके-अपने क्षेत्रों में ईडी केंद्र स्थापित करने में सहयोग प्रदान कर चुका है। इसके अतिरिक्त हाल ही में कई और राज्य सरकारों ने ईडीआईआई को राज्य समर्थित एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेंटर्स स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है। इनमें उत्तराखंड, गोवा, छत्तीसगढ़ और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के कई अन्य राज्य शामिल हैं, मिज़ोरम के अतिरिक्त। गोवा, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में गतिविधियाँ शुरू हो चुकी हैं और ठोस परिणाम सामने आए हैं।