अध्यात्मखबरमध्य प्रदेश

शौच धर्म पवित्रता का प्रतीक है ,पवित्रता सुचिता व संतोष से आती है


भोपाल। दस दिवसीय दस लक्षण पर्व में श्रद्धालु तप ,त्याग और संयम की साधना के साथ दसधमौ की आराधना में लीन है नित्य नियम अभिषेक,शांतिधारा के साथ श्री 1008 पुष्पदंत भगवान के मोक्ष कल्याण पर पूजन कर निर्वाण लाडू समर्पित किये स्टेशन बजरिया महावीर जिनालय संपूर्ण जगत में शांति की कामना को लेकर शांति धारा के साथ उत्तम शौच धर्म की आराधना हुई मनोज भैया शास्त्री द्वारा शौच धर्म का महत्व बताया गया लोभ नहीं करना चाहिए क्रोध , अहंकार और छल कपट से भी अधिक घातक जीव की लोभी, लालची प्रवृत्ति होती है जो हिंसा ,झूठ, चोरी, कुशील और परिग्रह रूपी पांच पापों को प्रेरित करती है लोभ कषाय के अभाव में होता है जीव की पवित्रता शील, तप ,ज्ञान ध्यान , सुचिता,संतोष के प्रभाव से आती है शौच धर्म का अनुसरण कर मनुष्य गुणों को प्राप्त कर सकता है अध्यक्ष राजीव पंचरत्न प्रवक्ता नरेंद्र जैन चेतन जैन अशोक जैन राजेंद्र पान प्रतीक जैन गौरव जैन अंकित जैन स्टेशन बजरिया समस्त समाज शामिल होकर धर्म लाभ ले रहे हैं ।प्रतिदिन ,संध्या में भव्य आरती बबीता पंचरत्न द्बारा फैंसी ड्रेस, धार्मिक नाटक का मंचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे।

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