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प्रदेश के संविदा कर्मचारियों ने घंटी , थाली , लौटा, चम्मच बजाकर सरकार से मांगा नियमतिकारण । कहा सरकार जन अभियान परिषद के संविदा कर्मचारियों, पंचायत कर्मियों, शिक्षा कर्मियों, गुरुजियो की तरह नियमित करे। संविदा कर्मचारियो ने किया जन आंदोलन

प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारियों ने आज 20 नवंबर 2025 को राज्य शिक्षा केंद्र पुस्तक भवन के सामने विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने एकत्रित होकर मंदिर की घंटी, थाली, लौटा चम्मच बजाकर प्रदर्शन कर 22 जुलाई 2023 को समान्य प्रशासन विभाग द्वारा विसंगति पूर्ण बनाई संविदा नीति में संशोधन किये जाने की मांग की । आज प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर घंटी, थाली, चम्मच, लोटा बजाकर सरकार को जगाने के लिए प्रदर्शन किया । भोपाल में दोपहर 1 :30 बजे राज्य शिक्षा केन्द्र के सामने घंटी बजाकर सरकार को जगाया और मांग की संविदा नीति में अनेक विसंगतियां हैं जिनके कारण संविदा कर्मचारियों के हित के लिए बनाई गई संविदा नीति से संविदा कर्मचारियों को फायदे के जगह नुकसान हो रहा है, संविदा नीति में अनेक विसंगतियां है उसे दूर किया जाना चाहिए उसके अनुसार आदेश जारी नहीं किये गये हैं, शासन में बैठे अधिकारियों ने अर्थ का अनर्थ कर दिया संविदा नीति में ऐसे बिन्दु डाल दिये कि संविदा कर्मचारियों को फायदे की जगह नुकसान हो रहा है। म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के द्वारा घंटी बजाकर सरकार में बैठे अधिकारियों से मांग की गई । संविदा नीति में संविदा कर्मचारी यह संशोधन चाहते हैं ।

(1) संविदा कर्मचारियों को दिखाने के लिए 50 प्रतिशत का हवाला दिया जा रहा है, जबकि वो छलावा है सामान्य प्रशासन विभाग ने 22 जुलाई 2023 की संविदा नीति में नियमित भर्ती में 50 प्रतिशत् आरक्षण के साथ एक लाईन जोड़ दी है कि विभाग में संविदा के पद अथवा निकाले गये नियमित पद दोनों में से जो कम होगा उसका 50 प्रतिशत् विभागों में संविदा के पद है ही नहीं इसलिए जो नियमित भर्ती निकलती है चूंकि विभागों में संविदा पद नहीं होने के कारण नियमित भर्ती में जब आरक्षण की गणना होती है तो उसकी जगह आरक्षण शून्य हो जाता है इससे तो 2018 की संचिदा नीति में नियमित भर्ती के लिए निकलने वाले पदों का 20 प्रतिशत् आरक्षण ही ठीक था कम से कम उस समय नियमित भर्ती में 20 प्रतिशत् पद निकल तो रहे थे। और उसमें भी नए अभ्यार्थियों के समान ही परीक्षा देनी होगी जबकि संविदा कर्मचारी पहले से ही विधिवत् चयन प्रक्रिया के माध्यम् से चयनित होकर संविदा पर नियुक्त हुये हैं। आरक्षण में भी यह प्रावधान कर दिया गया है कि यदि कोई संविदा कर्मचारियों के लिए जो भी आरक्षित रखे जायेंगें उसमें कोई भी संविदा कर्मचारी उत्तीर्ण नहीं कर पाया तो जो खाली पद बचेंगें उस पर फेश अभ्यार्थियों से भर दिया जायेगा यह भी बिन्दु विलोपित होना चाहिए कि संविदा के लिए आरक्षित नियमित पद संविदा कर्मचारियों से ही भरे जायेंगे नये अभ्यार्थियों से नहीं। इसलिए संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ की मांग है कि सरकार नियमित भर्ती का सीधे 50 प्रतिशत् पद संविदा कर्मचारियों के लिए आरक्षित रखे उसमें किसी भी प्रकार का कोई किन्तु, परन्तु नहीं जोड़ा जाए और उन पदों पर वरिष्ठता के आधार पर नियमित किया जाये।

(2) संविदा नीति 22 जुलाई 2023 में सातवां वेतन निर्धारण करते समय जो संविदा कर्मचारी अधिकारी समान पद पर 25 30 साल से कार्य कर रहा है और जो नया नियुक्त हो रहा है उसका वेतन और नये कर्मचारियों का वेतन एक समान है.
वरिष्ठता के हिसाब से कोई वेतन निर्धारण नहीं किया गया है वरिष्ठता के अनुसार संविदा कर्मचारियों को इतने वर्षों का इन्क्रीमेंट लगाते हुये, समयमान वेतनमान, क्रमोन्नती के अनुसार वेतन निर्धारण करते हुये वेतन निर्धारण किया जाना चाहिये ।

(3) संविदा कर्मचारियों को पहले नियमित कर्मचारियों के समान मंहगाई भत्ता प्रदान किया जाता था, 22 जुलाई 2023 की संविदा नीति में मंहगाई भत्ते के सीन पर सीपीआई इंडेक्स कर दिया गया जिसके कारण संविदा कर्मचारियों के वेतन में बहुत कम वेतनवृद्धि होती है। इसलिए संविदा कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन और मंहगाई भत्ता दिया जाना चाहिए ना कि सीपीआई इंडेक्स और प्रतिवर्ष संविदा कर्मचारियों की नियमित कर्मचारियों के समान 2 बार इंन्क्रीमेंट भी लगाना चाहिए ।

(4) विभागों ने 22 जुलाई 2023 की संविदा नीति के अनुसार सातवां निर्धारण करते समय बहुत से पदों के ग्रेड पे कम कर दिये जैसे वर्षों से डाटा एन्ट्र आपरेटर , सहायक ग्रेड 1 का 2400 ग्रेड पे के अनुसार वेतन दिया जा रहा था उनको 1900 रूपये कर दिया यह अन्याय है ऐसे ही बहुत सारे पद है जैसे जिला परियोजना समन्वयक, विकास खण्ड समन्वयक, जिला महिला जेण्डर समन्वयक इनका ग्रेड पे जो पहले मिल रहा था उससे कम कर दिया गया है। सहायक ग्रेड 1 को सहायक ग्रेड 3 बना दिया गया, लेखापाल का वेतन निर्धारण 2800 की जगह 2400 से कर दिया गया, सहायक यंत्री, उपयंत्री प्रोग्रामर, एम.आई.एस. कार्डिनेटर, स्टैनोग्राफर इन सबका वेतन निर्धारण सही किया जाए ।

ग्रेड वेतन में कमी यह सब म.प्र. शासन के वित्त विभाग के दबाव में किया गया है। उसे सुधारा जाए और जिन पदों निर्धारण हुआ है उसमें भी बहुत विसंगति हैं उनके द्वारा अपील की गई है उनका निराकरण किया जाए

(5) म.प्र. सरकार के विभागों ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जैसे भृत्य, चौकीदार, रसोईया, वाहन चालक इनकी भर्ती वर्षों से बंद कर रखी है, आपने संविदा नीति 2022 में 50 प्रतिशत् का प्रावधान नियमित पद आरक्षण का प्रावधान किया गया है विभिन्न विभागों में संविदा पर कार्य करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जैसे भृत्य, चौकीदार, रसोईया, वाहन चालक इनका क्या होगा इसके विभागों में जहां पर चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालक के पद रिक्त हों इनका सीधे उन विभागों में संविलयन कर नियमित किया जाए और नियगित वेतनमान दिया जाए ।

(6) 4 जुलाई 2023 को तात्कालीन मुख्यमंत्री ने संविदा कर्मचारियों के समान समस्त अवकाश दिये जाने की घोषणा की थी जिसमें अर्जित अवकाश, आकस्मिक अवकाश, चिकत्सा अवकाश, ऐच्छिक अवकाश, महिला संविदा कर्मचारियों के लिए चाईल्ड केयर लीव कर्मचारियों के लिए 7 दिन का विशेष अवकाश भी शामिल था 22 जुलाई 2023 की संविदा नीति में जब आदेश आया उसमें आकस्मिक अवकाश के साथ केवल 15 दिन का विशेष अवकाश प्रदान किये गये जबकि संविदा कर्मचारियों को पहले से ही नियमित कर्मचारियों के समान अर्जित अवकाश मिल रहा था वो भी उस नीति मे गायब कर दिया, बहुत से विभागों में चिकित्सा अवकाश गिल रहा था वो भी गायब गायब कर दिया संविदा कर्मचारियों को फायदे की जगह नुकसान हो गया अतः जो घोषणा की गई थी उसके अनुसार नियमित कर्मचारियों के समान अर्जित अवकाश चिकित्सा अवकाश महिला संविदा कर्मचारियों को चाइल्ड के लिए और सात दिवस का विशेष अवकाश दिया जाए ।

(7) संविदा कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों के समान शासकीय आवास की पात्रता और मकान किराया भत्ता वाहन भत्ता तथा नियमित कर्मचारियों के समान समस्त सुविधाएं लाभ दिया जाए ।

(8) संविदा कर्मचारियों को भी मृत्यु होने पर नियमित कर्मचारियों के समान उसके परिवार को एक्सग्रेसिया का भुगतान किया जाए ।

(9) ग्रेच्युटी और अनुकंपा नियुक्ति का लाभ उन संविदा कर्मचारियों को भी दिया जाए जो इस नीति के आने के पहले सेवानिवृत्ति हो चुके हैं अथवा दिवंगत हो चुके हैं उनके परिवार के आश्रित सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति और ग्रेच्युटी दी जाए ।

(10) योजना परियोजना बंद होने से जिन संविदा कर्मचारियों को निस्काषित किया है या सेवा समाप्त की है उन संविदा कर्मचारियों को अन्य विभागों या उनकी योजनाओं में संविदा पर लिया जाए। ओर जो योजनाएं समाप्त होने वाली है उनके कर्मचारियों के लिए उपक्रम बनाया जाए।

(11) सभी कर्मचारियों की सेवा नृवति की आयु एक सामान 65 वर्ष की जाए।
आज के घंटी बजाओ सरकार जगाओ आन्दोलन में भोपाल के समस्त विभागों के संविदा कर्मचारियों ने भाग लिया। जिसमे राज्य शिक्षा केंद्र, पंचायत एवम ग्रामीण विकास विभाग, खेल एवम युवक कल्याण विभाग, राजस्व विभाग, पशु पालन विभाग, महिला बाल विकास विभाग ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अनेक विभागों के कर्मचारियो ने घंटी बजाओ सरकार को जगाओ आन्दोलन में भाग लिया। आज प्रदर्शन में जिन संविदा कर्मचारियों ने भाग लिया उनमें संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर, सचिव रमेश सिंह, राम सक्सेना,नीलेश सिटोके, राजकुमार सकल्ले, मनोज सक्सेना कोपल सक्सेना,समीक्षा जैन, भारती चोधारी, संध्या गुप्ता , हेमलता लोखंडे, धियानेश्वरी मांधनिया, उमा देवी।

(रमेश राठौर)
प्रदेश अध्यक्ष
मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ
9425004231

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