खबरमध्य प्रदेश

कुक्कुट विकास निगम के संविदा कर्मचारियों ने आंखों पर काली पट्टी बांधकर 16वें दिन प्रदर्शन किया

भोपाल, 17 अप्रैल।कुक्कुट विकास निगम के संविदा कर्मचारियों ने अपनी संविदा नीति 2023 के अनुसार वेतन भत्ते देने की मांग को लेकर गुरुवार को आंदोलन के 16 वें दिन आंखों पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। कुक्कुट विकास निगम के संविदा कर्मचारियों ने आंखों पर काली पट्टी इसलिए बांधी क्योंकि कुक्कुट विकास का प्रबन्धन अंधा हो गया है ,जिसको 22 जूलाई 2023 की संविदा नीति के तहत वेतन भत्ते देने का अनुमोदन संचालक मंडल की बैठक में होने के बाद भी अभी तक नहीं दिया है और फाइल बार बार छोटी छोटी सी बात के मार्गदर्शन देने के लिए वल्लभ भवन भेजी जा रही जिसके कारण अभी तक संविदा कर्मचारियों के आदेश नहीं हो पाए है और संविदा कर्मचारी पिछले 16 दिन से हड़ताल पर हैं।

संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि कुक्कुट विकास निगम के संविदा कर्मचारी विभिन्न प्रकार से आंदोलन कर चुके हैं, कभी चारा खाकर तो कभी मौन रहकर आंदोलन जारी है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।कुक्कुट विकास निगम ने समान्य प्रशासन विभाग से जरा सा मार्गदर्शन मांगा है कि 22 जूलाई 2023 की नीति के तहत यह मार्गदर्शन मांगा है कि क्या हम अब आदेश जारी कर सकते हैं । यह मार्गदर्शन मांग रहा है पशुपालन विभाग इस कारण अभी तक फाइल घूम रही है।जबकि इस मार्गदर्शन का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि निति एक बार बन जाती है तो वो हमेशा लागू रहती और आदेश कभी भी हो सकते है।

संविदा कर्मचारियों की मांगें:

1. 22 जुलाई 2023 की संविदा नीति के तहत वेतन एवं भत्तों का भुगतान।

2. निगम संचालक मंडल द्वारा नीति अनुमोदन के बाद भी आदेश न जारी करने पर नाराज़गी।

3. जनवरी 2025 में आश्वासन के बावजूद तीन माह से आदेश लंबित।

4. सामान्य प्रशासन विभाग ने भी नीति लागू करने की अनुमति दी है।

आंदोलन की रूपरेखा:

1 से 7 जनवरी 2025 तक पहली हड़ताल हुई थी।

प्रबंधन ने 7 दिन में आदेश देने का आश्वासन दिया था।

अब तीन महीने बाद भी आदेश जारी न होने पर पुनः हड़ताल शुरू।

प्रमुख प्रदर्शनकारियों में ये रहे शामिल

प्रदर्शन में अंकित पाठक, अक्षय राजपूत, प्रणय सक्सेना, प्रदेश नंदनवार, आस्था यादव, दीपक शर्मा, संजय सैनी, वैशाली पटेल, सावित्री, कन्हैया लाल सहित कई कर्मचारी शामिल हुए।

संघ की चेतावनी:
संघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा:

> “यदि शीघ्र आदेश जारी नहीं हुए, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। शासन और निगम प्रबंधन पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।”

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button