
भारत की अर्थव्यवस्था के लिए चिंता की खबर है। अप्रैल 2025 में देश के आठ प्रमुख बुनियादी क्षेत्रों (Core Sectors) की वृद्धि दर गिरकर सिर्फ 0.5% रह गई है, जो पिछले 8 महीनों में सबसे कमजोर प्रदर्शन है। मार्च 2025 में यह वृद्धि 4.6% थी।
कौन-कौन से सेक्टर शामिल हैं?
कोर सेक्टर में कुल 8 क्षेत्र आते हैं- कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली। ये आठ क्षेत्र औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में लगभग 40% योगदान करते हैं।
तीन कोर सेक्टर में गिरावट
आठ में से तीन कोर सेक्टर में गिरावट दर्ज की गई। सिर्फ दो सेक्टर ऐसे रहे जिनमें पिछले महीने की तुलना में तेज वृद्धि देखी गई। भारत की अर्थव्यवस्था अब पहले के मुकाबले थोड़ी धीमी गति से बढ़ सकती है, क्योंकि भू-राजनीतिक तनाव का असर बना हुआ है।पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत की ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा दिया था। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने अपना अनुमान 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है। वर्ल्ड बैंक ने भी भारत की विकास दर को घटाकर 6.3 प्रतिशत बताया है। सरकार जनवरी-मार्च 2025 (Q4FY25) की जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े 30 मई को जारी करेगी।
कोर सेक्टर ग्रोथ में गिरावट क्यों?
विश्लेषकों के मुताबिक अप्रैल में कई सेक्टरों में उत्पादन धीमा रहा। खासकर स्टील, सीमेंट और रिफाइनरी प्रोडक्ट्स में कमजोर मांग और सप्लाई चेन की दिक्कतों ने असर डाला है। इसके अलावा, हीटवेव और बिजली की डिमांड में अस्थिरता ने भी ग्रोथ पर दबाव डाला।