“सीपीआर—जीवन की डोर थामने की कला”
अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज में रेड क्रॉस के सहयोग से आयोजित विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला

जीवन और मृत्यु के बीच कभी-कभी बस कुछ सेकंड का फासला होता है — और उन कुछ सेकंडों में अगर किसी के हाथों में सीपीआर जैसी जीवन रक्षक तकनीक का ज्ञान हो, तो जीवन को फिर से साँसें मिल सकती हैं।
रेड क्रॉस सोसाइटी के लाइफ मेंबर एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अखिल भारतीय स्वर्णकार महासभा लायन अरुण कुमार सोनी ने बताया कि इसी अमूल्य तकनीक को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से बुधवार, 15 अक्टूबर को अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज, विदिशा में सीपीआर (Cardio Pulmonary Resuscitation) प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, जिला शाखा विदिशा के सहयोग से आयोजित हुआ। कार्यशाला में मेडिकल कॉलेज के छात्र- छात्राओं के साथ-साथ साकेत स्कूल, मगधम स्कूल, शासकीय गर्ल्स कॉलेज और एस.ए.टी.आई. कॉलेज के विद्यार्थी और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
सभी प्रतिभागियों ने न केवल प्रशिक्षण प्राप्त किया, बल्कि सीपीआर की तकनीक का व्यावहारिक प्रदर्शन कर वास्तविक अभ्यास भी किया।
विशेषज्ञों ने सिखाया—“समय पर उठाया कदम बन सकता है जीवनदान”
कार्यशाला का नेतृत्व डॉ. सेवरस हिंगवे एवं उनकी प्रशिक्षित टीम ने किया।
उन्होंने बताया कि “किसी व्यक्ति की हृदय गति रुक जाने या सांस बंद होने की स्थिति में तुरंत सीपीआर देना जीवन बचाने की पहली और सबसे जरूरी प्रक्रिया है।सही समय पर उठाया गया यह कदम अस्पताल पहुंचने से पहले ही जीवनदान बन सकता है।”
इस अवसर पर भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी जिला विदिशा के चेयरमैन डॉ. सचिन गर्ग, सचिव संदीप उदयवाल, सदस्य लायन अरुण कुमार सर्राफ सोनी, ऋषि जालोरी, प्रियंक सोनी, नितिन डोली, आनंद श्रीवास्तव,चंद्र मोहन, सुरेंद्र कुशवाहा, अग्रवाल, नारायण दास गोयल, दिनेश वर्मा एवं अनमोल उदयवाल, हेमंत राजोरिया, प्रवीण अवस्थी, रमेश कौड़की, दीपक शर्मा आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ. सेवरस हिंगवे (सीपीआर विशेषज्ञ) ने किया।
“हर नागरिक बने जीवन रक्षक” – संदीप उदयवाल
रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव संदीप उदयवाल ने कहा,
> “सीपीआर का ज्ञान केवल चिकित्सकों या स्वास्थ्यकर्मियों तक सीमित नहीं रहना चाहिए।
यदि समाज के प्रत्येक वर्ग को यह प्रशिक्षण मिले, तो सड़क दुर्घटनाओं, हृदयाघात या आकस्मिक घटनाओं में अनगिनत जीवन बचाए जा सकते हैं।
हमारा उद्देश्य है — ‘हर घर में एक जीवन रक्षक’ तैयार करना।”
उन्होंने बताया कि सीपीआर जागरूकता सप्ताह के दौरान रेड क्रॉस टीम द्वारा शहर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों और सामाजिक संगठनों में प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा बना विदिशा
गौरतलब है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से 13 से 17 अक्टूबर तक पूरे देश में “सीपीआर जागरूकता सप्ताह” मनाया जा रहा है।
इस अभियान का लक्ष्य है – देश के नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों में आत्मनिर्भर बनाना और “सीखें सीपीआर – बचाएं जीवन” का संदेश जन-जन तक पहुँचाना।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को रेड क्रॉस सोसाइटी परिवार एवं रेड क्रॉस सचिव की ओर से प्रशिक्षकों आभार व्यक्त किया गया।
मेडिकल कॉलेज के सभागार में गूंजती एक ही भावना थी —
“कभी किसी की धड़कन थमे, तो हम थमें नहीं — सीपीआर दें, जीवन बचाएं।”