● विन्जो और आईआईसी द्वारा संचालित वेव्स के क्रिएट इन इंडिया चैलेंज के तहत भारत टेक ट्रायम्फ प्रोग्राम ने 20 विजेताओं की घोषणा की
● भारत की रचनात्मक क्षमता का प्रदर्शन : स्थानीय नवाचार से लेकर आईपी निर्यात तक, विजेता निर्यात के लिए तैयार उत्पाद बना रहे हैं ताकि गेमिंग उद्योग में भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत किया जा सके
मुंबई, 5 मई 2025: मुंबई में वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) की जोरदार शुरुआत हुई, जहां रचनात्मकता और तकनीक की दुनिया से जुड़ी कई बड़ी हस्तियां एक साथ जुटीं। इस खास मौके पर इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म विन्जो और इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट एंड इनोवेशन काउंसिल (आईईआईसी) ने मिलकर भारत टेक ट्रायम्फ प्रोग्राम (बीटीटीपी) के 20 शानदार विजेताओं के नामों की घोषणा की। यह कार्यक्रम भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ‘क्रिएट इन इंडिया’ पहल का हिस्सा है, जिसके तहत 4 खास चैलेंज लॉन्च किए गए थे, ताकि भारत की कंटेंट बनाने की क्षमता को दुनिया के सामने लाया जा सके। बीटीटीपी का यह तीसरा संस्करण खास तौर पर आईईआईसी द्वारा आयोजित किया गया है। अब ये 20 विजेता 1 मई 2025 से शुरू हुए वेव्स समिट में अपनी अनोखी और प्रतिभाशाली प्रस्तुतियों के साथ सबको चौंकाएंगे।
बीटीटीपी की सफलता के पीछे दो बड़े ट्रेंड हैं। पहला यह कि आज दुनिया और भारत का मनोरंजन उद्योग तेज़ी से गेमिंग की ओर बढ़ रहा है। 300 अरब अमेरिकी डॉलर के वैल्यू वाला वैश्विक गेमिंग बाज़ार अब फिल्म और म्यूज़िक इंडस्ट्री को भी पीछे छोड़ चुका है। भारत में भी 3.7 अरब डॉलर का गेमिंग सेक्टर अब नई पीढ़ी के मीडिया में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया है — यहां तक कि फिल्मों, संगीत और क्रिकेट से भी आगे निकल गया है। दूसरा बड़ा ट्रेंड यह है कि विन्जो जैसी भारतीय गेमिंग कंपनियों ने 2023 से एक मजबूत रणनीति के साथ भारतीय गेमिंग इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) को दुनिया भर में पहचान दिलाने और एक्सपोर्ट करने की दिशा में गंभीर प्रयास शुरू किए हैं।
इन विजेताओं का चयन 2,000 से अधिक प्रविष्टियों में से किया गया। इन्हें उद्योग के दिग्गजों जैसे डॉ. मुकेश अघी (प्रेसिडेंट, यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम), प्रशांत प्रकाश (पार्टनर, एक्सेल पार्टनर्स), अर्चना जहांगीरदार (मैनेजिंग पार्टनर, रुकम कैपिटल) और राजेश राजू (मैनेजिंग पार्टनर, कलारी कैपिटल) द्वारा मार्गदर्शन और मेंटरशिप प्रदान की गई है। उनकी अभिनव कृतियों ने गेम डेवलपर कॉन्फ्रेंस (जीडीसी) 2024, गेम्सकॉम लैटम, गेम्सकॉम जर्मनी, और इस वर्ष सैन फ्रांसिस्को में आयोजित जीडीसी जैसे विशिष्ट मंचों पर अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को चौंका दिया है। ये दूरदर्शी डेवलपर्स वेव्स में भी अपने नए-नए गेम्स प्रदर्शित करेंगे।
बीटीटीपी का लक्ष्य भारत के सबसे बेहतरीन गेम डेवलपर्स को चुनना, उन्हें वैश्विक मंच पर लाना, उद्योग के विशेषज्ञों से मार्गदर्शन, फंडिंग के अवसर, दुनिया भर के डेवलपर्स के साथ नेटवर्किंग, और उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार के लिए तैयार करना है। ये कदम भारतीय गेमिंग इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) को निर्यात के लिए तैयार करने के लिए हैं। भारत एक खास स्थिति में है, जहां देश में भारी मांग के साथ-साथ निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। छोटे देश जैसे फिनलैंड, तुर्की, और इजराइल इसका जीता-जागता उदाहरण हैं, जो छोटी आबादी के बावजूद निर्यात से 90% कमाई के साथ गेमिंग में ग्लोबल लीडर बने हैं। भारत अपनी घरेलू मांग और बढ़ते वैश्विक अवसरों का फायदा उठाकर गेमिंग क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने के लिए तैयार है। यह उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार पैदा करने, भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाने, और दुनिया भर में भारत की पहचान को मजबूत करने में मदद करेगा।
इन 20 विजेताओं में से खासतौर से दो प्रोजेक्ट्स ने खास ध्यान खींचा। ब्राह्मण स्टूडियोज ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ते हुए “एयूएम – द गेम” पेश किया। यह गेम न सिर्फ रोमांचक है बल्कि इसमें एक गहरी दार्शनिक समझ और अनोखी कर्म प्रणाली भी है, जो इसे बाकी गेम्स से अलग बनाती है। वहीं, हैदराबाद के 5th ओशन स्टूडियोज ने “इलावथ: बैटल एरेनाज़” नाम का एक रणनीतिक गेम तैयार किया है, जो देवताओं और असुरों के शाश्वत युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित है। इसकी थीम और विजुअल्स ने दर्शकों को खासा प्रभावित किया। इस मौके पर ब्राह्मण स्टूडियोज के सौमित्री मालुचुरु ने कहा, “जीडीसी, स्टार्टअप महाकुंभ और वेव्स जैसे मंचों पर चुना जाना मेरे जैसे इंडी डेवलपर के लिए जिंदगी भर का मौका है। अब मैं अपनी कहानी और सोच दुनिया के सामने रख सकता हूं और वैश्विक दर्शकों, इन्वेस्टर्स और मेंटर्स से जुड़ सकता हूं।”
गेमिंग को सामाजिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने के लिए, विन्जो ने वाणिज्य मंत्रालय के भारत स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के तहत हेल्थकेयर को गेम की तरह बनाने के लिए डीपीआईआईटी के साथ साझेदारी की। इस पहल के तहत एक्सफिनिटो बायोडिज़ाइंस को उनके दो अनोखे नवाचारों -MiMo (माइंडमोशन) और रीलिव के लिए सम्मानित किया गया। MiMo एक खास गेमिंग कंसोल है जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता सुधारने और रिहैबिलिटेशन यानी पुनर्वास में मदद करता है। वहीं, रीलिव एक AI आधारित प्रोग्राम है जो दिमागी गणना, गेमिफाइड एक्टिविटीज और डिजिटल थेरेपी को जोड़कर मरीज़ों के इलाज को अधिक असरदार और दिलचस्प बनाता है।
चैलेंज में मानद मेंटर और भारत सरकार के पूर्व सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने कहा, “हेल्थकेयर की आधुनिक समस्याओं को हल करने के लिए कई तरह के तरीकों की जरूरत है। गेमिंग अपने आकर्षक कंटेंट और व्यापक लोकप्रियता के साथ, लोगों को अपनी सेहत का बेहतर ढंग से प्रबंधन करने में मदद करता है। मैं खास तौर पर गेमिफिकेशन, एआर, और वीआर को हेल्थकेयर पेशेवरों के प्रशिक्षण और उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करने को लेकर उत्साहित हूं।’’
श्री प्रशांत प्रकाश, जानेमाने वेंचर कैपलिस्ट और बीटीटीपी के जूरी सदस्य, ने कहा: “भारत का स्टार्टअप सिस्टम तेजी से बढ़ रहा है। बीटीटीपी जैसी दूरदर्शी पहल इस क्षेत्र को एकजुट करती हैं और गेमिंग के विकास की दिशा व गति को बदलने का आधार तैयार करती हैं। भारत और दुनिया भर में गेमिंग में बड़ा बदलाव आ रहा है। अगर भारत सही तरीके से अपने अवसरों का उपयोग करे, तो वर्ष 2034 तक 50-60 अरब डॉलर के बाजार के साथ वह वैश्विक गेमिंग लीडर बन सकता है। माननीय प्रधानमंत्री ने मेड इन इंडिया गेम्स का निर्यात करने का आह्वान किया, और बीटीटीपी इस लक्ष्य में योगदान देने के लिए आगे आया। अपने तीसरे संस्करण में, बीटीटीपी भारत की अपार प्रतिभा, गेमिंग में बढ़ती रुचि और इस क्षेत्र में बड़े पैमाने के कार्यक्रमों की जरूरत को दिखाता है।’’
विन्जो के सह-संस्थापक पावन नंदा ने इस पहल के गहन मिशन के बारे में बताते हुए कहा, “वेव्स और जीडीसी जैसे वैश्विक मंचों पर भारत की अग्रणी गेमिंग प्रतिभा को प्रस्तुत करना एक विशेषाधिकार है। ये क्रिएटर्स भारत की असीमित संभावनाओं का प्रतीक हैं, जो अत्याधुनिक गेमिंग तकनीक, जीवंत संस्कृति, और शक्तिशाली बौद्धिक संपदा (आईपी) का दुनिया भर में निर्यात करने में सक्षम हैं।”
‘क्रिएट इन इंडिया’ भारत सरकार का एक शानदार और दूरदर्शी लक्ष्य है। इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि भारत गेमिंग जैसे वैश्विक रुझानों को देखते हुए अपनी प्रतिभा में निवेश कर सके और उन्हें निर्यात के लिए तैयार उत्पाद बनाने में सक्षम बनाए। बीटीटीपी इन दोनों महत्वपूर्ण बातों को समझते हुए भारतीय गेमिंग इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) के निर्यात में अहम भूमिका निभाएगा।