कर्फ्यू वाली माता मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ , जानें मंदिर का इतिहास

भोपाल। शहर में इस समय नवरात्रि पर्व की धूम है। जगह-जगह पर पंडाल बनाकर झांकी सजाई गई है वही माता रानी के मंदिरों में भी पूजा अर्चना की जा रही है। राजधानी के सोमवारा स्थित कर्फ्यू वाली मंदिर में नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। माता रानी की पूजा अर्चना और आरती में पहले ही दिन काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। नवरात्रि उत्सव और पूजा अर्चना में अग्रणी भूमिका निभा रहे सुभाष रायजादा ने कहा कि यहां पर 1982 से लगातार माताजी का दरबार सहित रहा है। इस मंदिर का नाम कर्फ्यू वाला मंदिर क्यों पड़ा इसके पीछे भी एक इतिहास है। कुछ भी विधर्मियों द्वारा 1982 में ही मंदिर की स्थापना को लेकर विरोध किया गया था, जिसकी वजह से यहां पर कर्फ्यू लगा दिया गया था ,बाद में पूजा अर्चना की अनुमति मिली और भव्य मंदिर का निर्माण हुआ तब से निरंतर यहां पर पूजा अर्चना का दौर चल रहा है । मंदिर की 10 करोड़ की संपत्ति है लेकिन हम कभी किसी से चंदा नहीं करते हैं। वही मंदिर से जुड़े इंद्र मोहन सिंह मनचंदा ने कहा कि यह मंदिर 1982 के बाद से शहर वासियों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है खासतौर पर नवरात्रि के दौरान यहां पर विशेष पूजा अर्चना का दौर चलता है और काफी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं।
मंदिर में पूजा अर्चना करने आईं श्रद्धालु सुजाता तिवारी ने कहा कि वैसे तो हम अक्सर इस मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आते हैं लेकिन आज नवरात्रि के पहले दिन मैंने पूजा अर्चना की । माता रानी की पूजा अर्चना करने से ऊर्जा का संचार होता है साथी मन को शांति मिलती है।