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हिंसा में ९१ लोगों की मौत के बाद बांग्लादेश में कर्फ्यू की घोषणा

बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है। इस बीच बांग्लादेश सरकार ने रविवार शाम छह बजे से पूरे बांग्लादेश में कर्फ्यू लगाने का एलान किया है। बांग्लादेश में जारी ताजा हिंसा में ९१ लोगों की मौत हो गई। इस बीच बांग्लादेश में तीन दिन के अवकाश का भी एलान कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी छात्र लगातार प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, फेनी में हिंसा के दौरान पांच लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा सिराजगंज में चार, मुंशीगंज में तीन, बोगुरा में तीन, मगुरा में तीन, भोला में तीन, रंगपुर में तीन, पाबना में दो, सिलहट में दो, कोमिल्ला एक, जयपुरहाट में एक ढाका में एक और बारीसाल में एक व्यक्ति की मौत हुई है। इस बीच, बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने रविवार शाम छह बजे से पूरे देश में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। कर्फ्यू के दौरान फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम, मोबाइल इंटरनेट को बंद किया जाएगा। शेख हसीना ने बुलाई बैठक रविवार को प्रदर्शनकारियों और सत्ताधारी आवामी लीग के समर्थकों के बीच झड़प में ७२ लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा बांग्लादेश के अलग अलग हिस्सों में हजारों लोग जुटे और शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करने लगे। बताया गया है कि शेख हसीना ने अपने निजी आवास गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने कहा, च्जो लोग प्रदर्शन के नाम पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, वे छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं। मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि ऐसे लोगों को मजबूती से जवाब दें।ज् बैठक में थल सेना, नौसंना, वायुसेना, पुलिस और सुरक्षा से जुड़े उच्च अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार भी मौजूद रहे बांग्लादेश में प्रदर्शन के बीच २०० लोगों की मौत आपको बता दें कि बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है और इसमें २०० से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका की प्रमुख सड़कों की घेराबंदी कर दी। आपको बता दें कि बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष १९७१ में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए ३० प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं। छात्रों ने बातचीत से किया इनकार इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अलग-अलग विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से मुलाकात की थी। दरअसल, शेख हसीना ने प्रदर्शनकारी छात्रों को बातचीत के लिए अपने निजी आवास में बुलाया था। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने पीएम से किसी भी तरह की बातचीत करने से इनकार कर दिया था। छात्रों ने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की है। भारत ने अपने नागरिकों से सतर्क रहने को कहा भारत ने बांग्लादेश में रहने वाले अपने नागरिकों से संपर्क में रहने और सतर्क रहने को कहा है। बांग्लादेश में भारत के सहायक उच्चायोग की तरफ से जारी एक सोशल मीडिया में पोस्ट कहा गया, सिलहट स्थित भारतीय सहायक उच्चायोग के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि इस कार्यालय के संपर्क में रहें और सतर्क रहें। किसी आपात स्थिति में +८८-०१३१३०७६४०२ पर संपर्क करें।

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