एजुकेशनखबरमध्य प्रदेश
उप मुख्यमंत्री ने किया रैबी ट्रैक पोर्टल का वर्चुअल शुभारंभ
गजराराजा मेडिकल कॉलेज और उससे जुड़े अस्पतालों को सेंटर ऑफ आर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा - उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल



ग्वालियर, 22 नवंबर 2025/ गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि यह संस्थान न्यूरोसर्जरी जैसे क्षेत्रों में वह कार्य 65 वर्ष पहले कर चुका है, जो कई स्थानों में अब शुरू हो रहे हैं। इसी उत्कृष्ट परंपरा के कारण सरकार ने निर्णय लिया है कि गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय एवं इससे जुड़े अस्पतालों को सेंटर ऑफ आर्ट की तरह विकसित किया जाएगा, जिससे मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा यहीं उपलब्ध हो सके और रेफर करने की आवश्यकता न पड़े। डिप्टी सीएम श्री शुक्ल ने यह बात रैबी ट्रैक पोर्टल के वर्चुअल शुभारंभ के अवसर पर जीआरएमसी के बोर्ड रूम में उपस्थित चिकित्सा शिक्षकों व विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने इस नवाचार को भारत सरकार के संकल्प— रेबीज मुक्त भारत की दिशा में अत्यंत आवश्यक कदम बताया।
अपने संबोधन में डिप्टी सीएम श्री शुक्ल ने बताया कि ग्वालियर में प्रतिवर्ष 7 से 8 हजार रेबीज मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। कई मरीज जागरूकता के अभाव में समय पर वैक्सीनेशन नहीं लेते, जिससे उनकी जान तक जोखिम में पड़ जाती है। उन्होंने कहा कि रैबी ट्रैक पोर्टल मरीजों के मोबाइल पर समय-समय पर वैक्सीन की डोज की तिथि का संदेश भेजेगा, जिससे वे समय पर उपचार ले सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मेडिकल कॉलेजों का दायित्व है कि वे नवाचार करते रहें, क्योंकि भारत सरकार टीबी मुक्त भारत अभियान और रेबीज मुक्त भारत जैसे कई महत्वपूर्ण मिशन चला रही है। मुझे यह कहते हुए हर्ष हो रहा है कि गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय इसी दिशा में लगातार काम कर रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आयुष्मान योजना में 60 करोड़ से अधिक नागरिक कवर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार हुआ है। उन्होंने जीआरएमसी प्रबंधन व कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग को इस नवाचारी प्रयास के लिए शुभकामनाएं दीं।
मध्यप्रदेश का पहला डिजिटल रैबीज मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय अधिष्ठाता प्रो. डॉ.आर.के.एस. धाकड़ ने बताया कि यह ऑनलाइन पोर्टल कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा विकसित किया गया है और यह मध्यप्रदेश का पहला सॉफ्टवेयर है। यह न केवल जयारोग्य चिकित्सालय समूह में आने वाले संदिग्ध रेबीज मरीजों का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित करेगा, बल्कि वैक्सीन डोज की तारीखें भी मरीज को एसएमएस द्वारा भेजेगा। कार्यक्रम के दौरान कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज बंसल ने बताया कि रेबीज मुक्त भारत मिशन के लिए आवश्यक है कि हर संदिग्ध मरीज को पूरा और समय से एंटी-रैबीज टीकाकरण मिले। मरीज अक्सर निर्धारित तारीख भूल जाते हैं, लेकिन अब रैबी ट्रैक उन्हें समय पर याद दिलाएगा और यह कई जानें बचाने में उपयोगी साबित होगा।
रैबी ट्रैक पोर्टल के वर्चुअल शुभारंभ के दौरान डॉ. नीलिमा टंडन, डॉ.जितेंद्र अग्रवाल, डॉ. केपी रंजन, डॉ.प्रियंका शर्मा, डॉ.प्रवीण गौतम, डॉ.रामनिवास माहौर, डॉ.ऋचा चंगुलानी, डॉ.सस्मिता मुंगी, डॉ.भावना किचोलिया, डॉ.कीर्ती श्रीवास्तव सहित अन्य चिकित्सा शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे।


