समाज को कुछ देने का काम करें: प्रहलाद पटेल
गरीबी और असमानता की चुनौतियों के समाधान के लिए इंडिया रूरल कोलोक्वि का आयोजन
प्राकृतिक संसाधनों के नुकसान का आंकलन जरूरी: प्रहलाद पटेल
भोपाल। भारत में ग्रामीण क्षेत्रों मे व्याप्त गरीबी और असमानता की चुनौतियों के समाधान के लिए अंतर-विषयक संवाद और व्यावहारिक विचार-विमर्श के लिए ‘इंडिया रूरल कोलोक्वि का आयोजन ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया यानी टीआरआई द्वारा हर साल राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है। इस बार समृद्ध ग्रामीण मध्यप्रदेश संवाद कार्यक्रम का आयोजन मैनिट भोपाल के सभागार में मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान भोपाल के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। इस संगोष्ठी के समापन सत्र में शामिल विशिष्ट अतिथि मध्यप्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि अब तक हमने श्रम करने को दोयम दर्जे का माना है और प्राकृतिक संसाधनों के नुकसान का आंकलन नहीं किया। अब वो समय आ गया है जब हमें सिर्फ लेने के बारे में ही नहीं, बल्कि देने के बारे में भी सोचना होगा। हमें इस बात पर विचार करना होगा कि हमारे प्राकृतिक संसाधन हमें कितनी दूर तक ले जा सकते हैं।
पटेल ने आगे कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी कमाई का कुछ हिस्सा समाज को वापस करने के बारे में भी विचार करना होगा. उन्होंने कहा कि हमें वनों के प्रबंधन पर भी विचार करना होगा, साथ ही हमारी सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासतों के साथ ग्रामीण अर्थशास्त्र को भी समझना होगा. एक अच्छी एवं सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा।
मैनिट के डायरेक्टर केके शुक्ला ने संवाद सत्र के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि देश को विकसित होने के लिए ग्रामीण भारत का विकसित होना भी अति आवश्यक है. तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास महत्वपूर्ण है. हम छात्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याओं की पहचान करने और उनके लिए तकनीकी समाधान खोजने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए एक पाठ्यक्रम की योजना बना रहे हैं।प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने विडिओ संदेश के माध्यम से अपने उद्गार व्यक्त करते हुए बताया कि हमें परिणाम आधारित सर्वांगीण विकास पर एक बेहतर रणनीति के तहत कार्य करने की आवश्यकता है जहां अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े तबकों को प्राथमिकता दी जा सके। ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को विशेष तौर पर ध्यान देने की आवश्यकता है और शासन इस दिशा मे लाड़ली बहना योजना और अन्य सामाजिक-आर्थिक योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण की दिशा वायापक रूप से तत्पर है। जनजातीय कार्य मंत्री कुँवर विजय शाह ने अपने वीडियो संदेश से माध्यम से विशेष तौर पर कहा कि एक आत्मनिर्भर प्रदेश के निर्माण हेतु सकारात्मक विमर्श के द्वारा समाधानों कार्य किए जा रहे हैं जहां प्रदर्श की सभी वंचित महिलाओं को सभी प्रकार के शासकीय कार्यक्रमों और योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। हमे साझा प्रयासों के माध्यम से समाज, सरकार और बाजार को एक साथ जोड़ते हुए बहुआयामी परिवर्तन के दिशा सदैव तत्पर रहना है।