दस साल बाद भी केंद्र सरकार द्वारा आपूर्ति निगम को रुपये 77000 करोड़ का भुगतान नही किया हर माह देना पड़ रहा 11 करोड़ ब्याज आपूर्ति निगम की आर्थिक स्थिति खराब
सेवानिवृत अर्द्ध शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के महासचिव अरुण वर्मा एवं प्रांताध्यक्ष अनिल बाजपेई ने केंद्र सरकार द्वारा विगत दस वर्षों बाद भी प्याज़ गेहूं धान खरीदी का रुपये 77000 करोड़ आपूर्ति निगम को भुगतान नही करने का कड़ा विरोध करते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा गेहूं धान प्याज़ तथा अन्य खद्द्यान की सरकारी खरीदी समर्थन मूल्य के अंतर्गत कराई जाती है जिसके लिए आपूर्ति निगम द्वारा स्वयं के संसाधनों द्वारा एवं बैंको से कर्ज लेकर कराया जाता है उसके बाद भारत सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है लेकिन विगत दस वर्षो से रुपये 77000 करोड़ की सब्सिडी का भुगतान नही किया जा रहा है जिसकी वजह से आपूर्ति निगम को प्रति माह 11 करोड़ का ब्याज का भुगतान करना पड़ रहा है परिणाम स्वरूप आपूर्ति निगम की आर्थिक हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है साथ ही निगम बंद होने की कगार पर पहुंच गया है आपूर्ति निगम की आर्थिक स्थित और न खराब हो जाए जिसके लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आपूर्ति निगम के माध्यम से सरकारी खरीदी करने से भारत सरकार को पत्र लिखकर मना कर दिया है भारत सरकार द्वारा आपूर्ति निगम को सब्सिडी का भुगतान नही करना किसी भी दृष्टि से न्याय संगत नही हैं
अत: निगम मंडलो सहकारी संस्थाओं के वरिष्ठ कर्मचारी नेता एवं सेवानिवृत अधिकारी कर्मचारी संगठन के प्रांताध्यक्ष अनिल बाजपेई एवं महासचिव अरुण वर्मा ने भारत सरकार के केंद्रीय खाद्य मंत्री से अनुरोध किया है कि आपूर्ति निगम को खद्दान खरीदी का रुपये 77000 करोड़ का अति शीघ्र भुगतान किया जाए ताकि आपूर्ति निगम को आर्थिक संकट से बचाया जा सके अन्यथा आपूर्ति निगम के कर्मचारी अधिकारी सरकारी खरीदी करने के लिए बाध्य नही होंगे जिसकी सम्पूर्ण जबाबदारी भारत सरकार की होगी
अनिल बाजपेई अरुण वर्मा

