भोपाल, 11 सितंबर।भोपाल के कोहेफिजा स्थित न्यूरो साइकाइट्रिक सेंटर में वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे पर मरीज और स्टेक होल्डर के साथ संवाद का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में कार्यक्रम में स्टेक होल्डर , डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, हॉस्पिटल के कर्मचारी, स्कूल- कॉलेज के टीचर, मनोरोग के मरीज, समाजसेवी भी शामिल हुए. कार्यक्रम में प्रदेश के प्रसिद्ध मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर आर. एन .साहू ने बताया है कि हर पांचवें व्यक्ति में सुसाइड के विचार आते हैं. सुसाइड के मामले में मध्य प्रदेश का देश में तीसरा नंबर है। इसलिए सुसाइड को रोकने में ज्यादा जागरूक रहने की जरूरत है। डॉ. आरएन साहू ने यह इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सुसाइड रोकने से कैसे बचा जा सकता है । आत्महत्या के पहले व्यक्ति में किस प्रकार के विचार आते हैं, यह जानना जरूरी है ।किस प्रकार उसका व्यवहार बदल जाता है,व्यक्ति उदास रहने लगता है ,डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है, असामान्य व्यवहार करने लगता है और चिड़चिड़ा हो जाता है । जो लोग आत्महत्या करते हैं उनमें अधिकांश को मानसिक रोग भी होता है। इसलिए ऐसे लोगों को पहचान कर उन्हें उपचार एवं समझाइश देकर उनका जीवन बचाया जा सकता है । आत्महत्या करने वाला व्यक्ति किसी भी उच्च पद या किसी भी प्रतिष्ठित स्थान पर हो सकता है । अमीर भी तो गरीब तबके का भी हो सकता है। डा .साहू ने बताया कि सुसाइड के मामले रोकने के लिए नेशनल मेंटल हेल्थ पॉलिसी है, जिसे क्रियान्वित कर आत्महत्याओ को रोका जा सकता है। इसके लिए इसका पर्याप्त तरीके से क्रियान्वयन कराना अत्यंत आवश्यक है । आज के दौर में सुसाइड एक विश्वव्यापी समस्या बन चुकी हैं। डॉ. साहू ने बताया कि सुसाइड का ख्याल आते ही विशेषज्ञों, चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए, ताकि व्यक्ति की जान बचाई जा सके.
प्रारंभ भोपाल न्यूरो साइकाइट्रिक सेंटर की संचालक डॉक्टर माया साहू ने वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे के आयोजन पर प्रकाश डाला तथा लोगों से जागरूक रहने की अपील की। गांधी मेडिकल कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. समीक्षा साहू ने वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन द्वारा इस वर्ष वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे की थीम “चेंजिंग दि नेरेटिव ऑन सुसाइड” की जानकारी स्टेक होल्डर और मरीजों को दी। डॉ. समीक्षा साहू ने उपस्थित सभी को संकल्प दिलाया कि वे आत्महत्या की रोकथाम के लिए समाज को जागरूक करेंगे कार्यक्रम को शासकीय जय प्रकाश अस्पताल के सर्जन डॉ. प्रबुद्ध गोदरे, लेखक एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व संयुक्त संचालक श्री प्रलय श्रीवास्तव आदि ने संबोधित किया। प्रलय श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2023 के पूर्व मध्यप्रदेश में आत्महत्या के मामले में इंदौर के बाद भोपाल दूसरे स्थान पर था। पारिवारिक कलह, असफलता, एकाएक पैदा हुआ आर्थिक संकट आदि आत्महत्या के प्रमुख कारण हो सकते है।
कार्यक्रम में उपस्थित स्टेक होल्डर, नर्सिंग स्टाफ, हॉस्पिटल के कर्मचारी, स्कूल कॉलेज के टीचर और समाजसेवियों को प्रेरित किया गया कि वह किस प्रकार लोगों को सुसाइड करने से रोक सकते हैं। इसके लिए समाज को मैं जागरूकता कितनी जरूरी है।