एनआईटीटीटीआर भोपाल में “संविधान हत्या वर्ष” पर विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित

आपातकाल का घाव सदियों तक रहेगा— डॉ. अशोक कडेल
एनआईटीटीटीआर, भोपाल में “संविधान हत्या वर्ष” विषय पर मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के निदेशक डॉ. अशोक कडेल का विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। इस अवसर पर डॉ कडेल ने आपातकाल के समय के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा की कैसे उस समय संविधान की हत्या की गयी एवं कई बार संशोधन किये गए जिन पर विचार आवश्यक है। अपने व्याख्यान में डॉ. काडेल ने संविधान के सामने अतीत और वर्तमान में उत्पन्न चुनौतियों, संविधानिक उल्लंघनों के उदाहरणों, तथा शिक्षकों और बुद्धिजीवियों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि यह फैसला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लिया था और इसी के साथ आजाद भारत के लोग सरकार के गुलाम बनकर रह गए थे l आम लोगों की स्वतंत्रता समाप्त कर दी गई थी और 21 महीनों तक विपक्ष के सभी नेता जेल में बंद कर दिए गए थे। उन्होंने बताया की कैसे उन्हें निर्दोष होते हए भी जेल में बंद कर यातनाये दी गयी थी। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों और समाज में संविधानिक जागरूकता को बढ़ावा दें। एनआईटीटीटीआर, भोपाल के निदेशक डॉ सी. सी. त्रिपाठी ने कहा कि “संविधान हत्या वर्ष” का उद्देश्य ऐसे कृत्यों या संशोधनों पर प्रकाश डालना है जिन्हें संविधान के मूल सिद्धांतों और उसकी आत्मा के विपरीत माना जाता है। इस तरह के आयोजनों का उद्देश्य संविधान की पवित्रता, लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह दिवस नागरिकों को लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग रहने और संविधानिक आदर्शों को बनाए रखने का संदेश देता है। इस कार्यक्रम में संस्थान के संकाय सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शोधार्थियों ने भाग लिया।