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शीलों का पालन न करने से जीवन में हानि निश्चित – पूज्य भन्ते प्रज्ञारत्न थेरो

करुणा बुध्द विहार में पूज्य भन्ते प्रज्ञारत्न थेरो जी की धम्म देशना

भोपाल। तुलसी नगर स्थित करुणा बुध्द विहार आषाढ़ पूर्णिमा से निरंतर वर्षावासरत पूज्य भन्ते प्रज्ञारत्न थेरो जी व्दारा आज वर्षावास के 39 वें दिन बड़ी संख्या उपस्थित उपासक-उपासिकाओं को त्रिशरण पंचशील ग्रहण कराया गया। इसके पश्चात धम्म देशना देते हुए पूज्य भन्ते जी ने लघु जातक कथा के माध्यम से बताया कि आप आनंदपूर्वक और निर्भीक जीवन जीना चाहते हैं, तो भगवान बुद्ध व्दारा दिये गये शीलों को अपने जीवन में उतार कर उसका पालन करना सूनिश्चित करें। यह वह शील है, जिसके नियमित पालन करने से शत-प्रतिशत आपका जीवन सूखमय और आनंदमयी हो जाता है। इन शीलों का पालन करने से आपके संकट, आप पर आनेवाली विपदा और आपकी परेशानियां दूर हो जाती है। यदि जाने अंजाने में यदि कोई शील तुटता भी है, तो उसका आप पर कोई दुष्परिणाम नहीं होगा, किन्तु जानते हुए भी शील तोड़ा जाता है, तो उसका आप पर वर्तमान या भविष्य में विपरित प्रभाव पड़ना तय है, जिसकी सजा आपके व्दारा तोड़े गये शील के अनुपात में मिलना तय है। इसलिए पूज्य भन्ते जी कहा कि वर्षावास काल पूण्य अर्जित करने का काल है। इसमें हम जीतना पूण्य अर्जित करना चाहते है, कर सकते हैं। जैसे पूज्य भिक्षुओं को धम्म दान देकर, शोलों का पालन कर, धम्म का श्रवण कर पूण्य अर्जित किया जा सकता है। इस अवसर पर डॉ धीरज दुपारे जी व्दारा पूज्य भन्ते जी को भोजन दान किया गया तथा धम्मदेशना में सभी उपासक उपासिकाओं को भी भोजन ग्रहण कराया गया। प्रबुद्ध महिला मंडल ने पूज्य भन्ते जी को धम्मदान भी दिया गया। पूज्य भन्ते जी की धम्मदेशना में दि बुद्धिस्ट सोसायटी आफ इंडिया एवं प्रबुद्ध महिला मंडल की सभी पदाधिकारियों के साथ साथ बड़ी संख्या में भोपाल के अन्य बुद्ध विहारों के पदाधिकारी तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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