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सशक्त-स्वस्थ मध्यप्रदेश के लिये स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं और कार्यों का तेज गति से क्रियान्वयन आवश्यक: उप मुख्यमंत्री  शुक्ल

 

सशक्त-स्वस्थ मध्यप्रदेश के लिये स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं और कार्यों का तेज गति से क्रियान्वयन आवश्यक: उप मुख्यमंत्री  शुक्ल

मुख्य सचिव जैन से अंतर्विभागीय समन्वय विषयों पर चर्चा की

भोपाल/ 21 अक्टूबर । उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि सहज और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का प्रदाय शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सशक्त-आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश को मूर्त रूप देने, स्वस्थ मध्यप्रदेश के लिए स्वास्थ्य सेवाओं और अधोसंरचनाओं को निरंतर सुदृढ़ करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इन कार्यों के तेज गति से क्रियान्वयन के लिए विभागीय समन्वय आवश्यक है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने मंत्रालय वल्लभ भवन में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन से विभिन्न अंतर्विभागीय समन्वय विषयों पर गहन चर्चा की।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के प्रमुख विषयों पर तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित विभाग प्रमुखों को निर्देशित करें, ताकि कार्यों में तेजी लाई जा सके। प्रमुख सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी और प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री संदीप यादव उपस्थित थे।

*मेडिकल कॉलेजों में वेतन संरक्षण (पे-प्रोटेक्शन) के प्रस्ताव पर किया विमर्श*

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने 454 चिकित्सकीय संस्थानों में पदों की स्वीकृति के साथ ही, मेडिकल कॉलेजों में वेतन संरक्षण (पे-प्रोटेक्शन) के प्रस्ताव को प्राथमिकता देने के लिए कार्यवाही और समन्वय करने के निर्देश दिये। पैरामेडिकल कौंसिल से संबंधित अधिनियम को पुनः पूर्ववत् करने के मुद्दे पर भी विचार-विमर्श किया गया। सामुदायिक केंद्रों और सिविल अस्पतालों के संचालन को आउटसोर्स आधार पर अनुमति देने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई, ताकि इसे शीघ्र ही अमल में लाया जाकर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त किया जा सके।

*सहायक प्राध्यापक (मेडिकल कॉलेज) के पदों पर भर्ती की आयु सीमा को 40 वर्ष से 50 वर्ष किये जाने पर दिया ज़ोर*

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने सहायक प्राध्यापक (मेडिकल कॉलेज) के पदों पर भर्ती की आयु सीमा को 40 वर्ष से बढ़ाकर 50 वर्ष करने की आवश्यकता को महत्वपूर्ण बताते हुए आवश्यक प्रस्ताव पर विमर्श किया। साथ ही नवीन जिलों में जिला अस्पतालों में पदों की स्वीकृति के मुद्दे पर विभागीय समन्वय के विषय पर चर्चा की गई। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग भर्ती में विशेष छूट देने का प्रस्ताव बैठक के प्रमुख बिंदुओं में शामिल रहा। रीवा मेडिकल कॉलेज, सतना मेडिकल कॉलेज अस्पताल और इंदौर के एम वाय अस्पताल के उन्नयन और निर्माण हेतु परियोजना परीक्षण समिति से अनुमोदन प्राप्त करने के लिए संबंधित कार्यवाही तेज करने के लिए उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये।

*स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन, स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं के विकास के लिए बजट प्रावधान पर चर्चा*

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट प्रावधान पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन, स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं के विकास के लिये स्वीकृति हेतु प्रस्ताव लंबित हैं, जिसके समाधान के लिए विभागीय सूचकांक को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही रीवा जिले के ग्राम हिनौती में गौ-अभ्यारण्य की स्वीकृति के लिए पशुपालन विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव पर स्क्रीनिंग कमेटी आवश्यक कार्यवाही के लिए उप मुख्यमंत्री ने कहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की घोषणा के अनुक्रम में सांदीपनी संस्कृत विश्वविद्यालय उज्जैन के रीवा परिसर में आधारभूत संरचना विकास (भवन/पुल निर्माण) तथा आवश्यक भूमि अधिग्रहण के लिए उच्च शिक्षा विभाग से राशि प्रावधान करने की अनुशंसा की गई है। इस परियोजना को शीघ्र आमजन तक पहुँचाया जा सके इसके लिये आवश्यक कार्यवाही करने के संबंध में उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने चर्चा की।

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