मध्य प्रदेश
पिता का दिन

—————-
वे कहते हैं
आज पिता का दिन है ।
सपने किसी के नहीं होते पूरे
हां, पूरे तो किसी के भी नहीं होते
बच्चों में अपने सपनों को पूरा होते देखने के लिए
ताउम्र चमकती रहती हैं जिसकी आंखें
और तुम कहते हो
आज पिता का दिन है ।
यदि है
तो उन सपनों का भी सोचो
जिन्हें तुम पूरा करने की कोशिश से भी भागते रहे
नए सपनों ने पुराने सपनों को
फिर कर दिया पराजित
और तुम कहते हो
आज पिता का दिन है
ढूंढ लो
वह छड़ी, चश्मा और कुर्सी
निहार लो बारामदे में पड़े तख़त को जी भर कर
धुंधलाते कैलेंडर के शून्य पर मुस्कुराते
अतीत पर श्रद्धावान होना सीख लो
क्योंकि
अखबार बता रहे हैं
आज पिता का दिन है
Arti Singh