अध्यात्मखबरमध्य प्रदेश

अखंड सुहाग की कामना लेकर की गणगौर पूजा , सुहागिनों ने किए सोलह श्रृंगार

मारवाड़ी रोड स्थित पंचायत मंदिर में हुई पूजा अर्चना

अखंड सुहाग की कामना लेकर सुहागन महिलाओं ने मंगलवार को  मारवाड़ी रोड स्थित पंचायत मंदिर में ईसर-गणगौर की विधि-विधान से पूजा की।सोलह शृंगार कर पारंपरिक परिधान पहने महिलाएं बाग-बगीचों से हरी दूब, फूल-पत्ती चुनते हुए ताजा पानी भरा कलश सिर पर रख गणगौर माता के गीत गाते घर लौटी।  मंदिर में  विराजमान ईसर-गणगौर के समक्ष ‘गोर गोर गोमती ईसर पूजे पार्वती’ गीत गाते अखंड सुहाग की कामना की। युवतियों ने अच्छे वर की कामना के लिए पूजन किया।

माहेश्वरी समाज की रितु माहेश्वरी  ने बताया कि होली के अगले दिन धूलंडी से चैत्र शुक्ल तृतीया तक 16 दिन गणगौर पूजन किया जाता है। महिलाएं पति की दीर्घायु होने की कामना करते पार्वती और भगवान शिव स्वरूप ईसर-गणगौर का पूजन करती हैं। माता गौरी के समक्ष सुहाग की सामग्री चढ़ाई जाती है। फिर गोर-गोर गोमती, ईसर पूजे पार्वती गीत गाते दूब और पानी से गणगौर माता को छींटे लगाकर पूजन करती हैं।

कुंवारी कन्याएं अच्छे वर के लिए करती हैं पूजा
इसके अलावा  कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के लिए माता गणगौर की पूजा करती हैं। खास बात ये है कि इस उत्सव के हर दिन अलग परिधान और सोलह शृंगार कर वो गणगौर पूजती हैं। इसे लेकर अलग ही उत्साह रहता है।माता की सवारी : गणगौर के दिन शाम को गणगौर माता की सवारी हाथी-घोड़े-ऊंट के लवाजमे के साथ निकलेगी।

 

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