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आयकर अधिकारियों के लिए राजपत्रित अधिकारी संघ पूरी निष्ठा और पारदर्शिता के साथ काम करेगा – डॉ. दीपक

भोपाल। आयकर विभाग के राजपत्रित अधिकारी संघ, मध्यप्रदेश एवं छग के नवनिर्वाचित महासचिव डॉ. दीपक कुमार चाहते हैं कि अपने साथी अधिकारियों की समस्याओं का समाधान आपसी संवाद, सदभाव और एक सुनिश्चित प्रक्रिया के माध्यम से हो। आयकर अधिकारियों की सेवा शर्तों से जुड़ी लंबित समस्याओं के समाधान, अधिकारियों के नियमित कामकाज के दौरान आने वाली चुनौतियों के बीच संतुलन और संशोधन तथा विभाग और संगठन के बीच सकारात्मक संवाद के जरिए अपने संगठन को इतना प्रभावी और मजबूत बनाया जाएगा कि सरकार और संघ के बीच किसी तरह का अवरोध या विवाद पैदा नहीं हो।
डॉ. दीपक कुमार हाल ही मालवा की औद्योगिक एवं सांस्कृतिक नगरी इंदौर में संपन्न हुए संघ के दो दिवसीय अधिवेशन के दौरान तीसरी बार महासचिव पद पर निर्वाचित हुए हैं। इस अधिवेशन में भोपाल के आयकर उपायुक्त संजय कुमार रामटेके अध्यक्ष चुने गए हैं। डॉ. दीपक कुमार की संगठनात्मक सूझबूझ और उनकी कार्यशैली तथा अपने साथियों के प्रति आत्मीय और गरिमापूर्ण व्यवहार का ही नतीजा माना जा रहा है कि वे लगातार तीसरी बार म.प्र. एवं छग के राजपत्रित अधिकारी संघ के महासचिव चुने गए हैं।
इस बारे में जब उनसे निर्वाचन के तुरंत बाद बातचीत की गई तो उन्होंने अपनी विजय को पूरे संगठन की एकता और विश्वास की विजय बताते हुए भरोसा जताया कि सदस्यों ने उनके प्रति जो दायित्व सौंपा है, उसको पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाएंगे और हर तरह की समस्याओं को ठोस एवं पारदर्शी तरीके से सुलझाएंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान भी मैंने ग्रुप हेल्थ एवं टर्म इंश्योरेंस योजनाओं को फिर से सक्रिय बनाने, पदोन्नति में पारदर्शिता लाने तथा अधिकारियों को बेहतर एवं श्रेष्ठ पर्यावरण प्रदान करने जैसी बातें चुनावी संकल्प के रूप में व्यक्त की थीं। निश्चित ही इन सभी मुद्दों पर हम समयबद्ध रोडमेप बनाएंगे और अलग-अलग समस्याओ के लिए अपने साथियों की अलग-अलग टीमें बनाकर उन्हें सौंपेंगे तथा विभागीय अधिकारियों से लगातार बातचीत कर जरूरी हुआ तो सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स) के स्तर पर भी पहल करेंगे। आज के समय में अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बढ़ते हुए कार्यभार की है, जबकि संसाधनों की कमी लगातार महसूस की जा रही है। डिजिटलाईजेशन तो हुआ है, लेकिन मानव संसाधन और तकनीकी प्रशिक्षण उस अनुपात में नहीं बढ़ा है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि अधिकारियों को जितने लक्ष्य मिलते हैं, उसके अनुपात में उनके पास न तो संसाधन हैं और न ही अन्य सुविधाएं।
डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि इन सभी चुनौतियों का समाधान यही है कि विभाग से हम तकनीकी और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की मांग करें। हमारा टैक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत और आधुनिक हो तथा जिम्मेदारियों का न्याय संगत वितरण हो। केवल आंकड़े पूरे करने की दौड़ में लगना ठीक नहीं होगा। हम चाहते हैं कि सभी अधिकारी साथी गुणवत्ता पूर्ण काम करें और सरकार की राजस्व आय को बढ़ाने के साथ ही आम लोगों में भी विभाग के प्रति विश्वास और अधिक बढ़ा सकें।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी अधिकारियों की मांगों पर कई बार सरकार और अन्य एजेंसियों का ध्यान आकर्षण किया गया, लेकिन उनका ठोस समाधान नहीं हुआ। अब हमारी कोशिश यही है कि इन मांगों के लिए संस्थागत समाधान निकले और हम केवल कागजी आश्वासन के भरोसे नहीं रहे। संगठन और विभाग के बीच के रिश्तों को हम जितना अधिक पारदर्शी और न्यायोचित बनाएंगे, उतनी अधिक रफ्तार और बिना विवाद के सारे काम होते रहेंगे। जहां तक स्थानांतरण और पदोन्नति के मामले हैं, हम सरकार से आग्रह करेंगे कि पारदर्शी और डेटा आधारित पालिसी बनें। पदोन्नति के लिए बिना विवाद के वरिष्ठता के आधार पर सूची जल्द से जल्द तैयार हो, जिसे न्याय संगत ढंग से लागू किया जाए और सदस्यों को जल्द से जल्द पदोन्नति प्राप्त हो। जहां तक युवा अधिकारियों के लिए संदेश की बात है, मैं चाहता हूं कि आज की युवा पीढ़ी जो बहुत अधिक सक्षम और तकनीकी रूप से अपडेट है, वह ईमानदारी , नवाचार और पारदर्शिता के माध्यम से अपनी पहचान बनाएं। हम अपने संघ के माध्यम से युवा अधिकारियों को भी अवसर देना चाहते हैं और उन्हें भी संगठन की कार्यकारिणी में लेकर उनकी ऊर्जा एवं सुझावों का उपयोग करेंगे। इसी तरह वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभव और उनकी कार्यप्रणाली का भी पूरा-पूरा लाभ हम उठाना चाहते हैं। जहां तक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की बात है, हम यही चाहते हैं कि अधिकारियों को लगातार अप-स्किलिंग मिले और हर स्तर पर उनके लिए कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप के आयोजन किए जाएं। महिला अधिकारियों की संख्या भी विभाग में बढ़ रही है और उनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण है, इसलिए संघ में हम एक वूमेन ग्रेवियंस सेल की स्थापना करना चाहते हैं, जिसकी अध्यक्षता हमारी एक महिला साथी करेगी। हम महिला साथियों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल, मातृत्व संबंधी सुविधा और स्थानांतरण संबंधी पेचिदगियों पर भी महिला अधिकारियों के लिए पूरा सहयोग प्रदान करेंगे। यदि सरकार हमारी मांगों को अनदेखा करे तो हमारा पहला कदम संवाद ही रहेगा। यदि फिर भी समस्याएं अनसुलझी रहेंगी तो हम लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे, टकराव का नहीं। हम चाहते हैं कि बिना टकराव के समाधान हो। इसी तरह संगठन में एकजुटता बनाए रखने के लिए भी हम समय-समय पर जनरल बॉडी मीटिंग का आयोजन करेंगे और सदस्य को यह अहसास कराएंगे कि उनकी मेहनत और उनका धैर्य ही इस जीत की असली ताकत है। यह पद मेरे लिए शक्ति नहीं बल्कि जिम्मेदारी है। मुझे अपने शब्दों और वादों को कार्य में बदलना है। मैं केवल उपलब्धियों से नहीं, बल्कि इस बात को अपनी सफलता मानता हूं कि सदस्य कितने संतुष्ट हैं, उनकी आवाज कितनी सुनी गई और उनकी समस्याओं का कितना प्रेक्टिकल समाधान हुआ। संगठन के लिए मेरा संदेश यही है कि मेरे सदस्य ही मेरी पूंजी हैं और वो ही हमारी शक्ति है। संगठन के साथियों को जब भी मेरी या संगठन की जरूरत पड़ेगी, हम एक आवाज में आपके साथ खड़े रहेंगे और ऐड़ी चोटी का जोर लगाएंगे।

संलग्न चित्र – अध्यक्ष- संजय कुमार रामटेके, (2) सचिव-डॉ. दीपक कुमार।

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