जॉर्ज फर्नांडीज साहब सादगी समर्पण और संघर्ष की प्रतिमूर्ति थे —सूरज जायसवाल

आज, 3 जून 2025 को, भारत के पूर्व रक्षा मंत्रीऔर श्रमिकों के हितों के लिए समर्पित योद्धा, ‘पद्म विभूषण’ स्व. जॉर्ज फर्नांडीस जी की जयंती पर हम उन्हें सादर नमन करते हैं। जॉर्ज फर्नांडीस का जन्म 3 जून 1930 को कर्नाटक के मैंगलोर में हुआ था। एक समाजवादी विचारक और ट्रेड यूनियन नेता के रूप में, उन्होंने गरीबों, शोषितों, और मजदूरों की आवाज को बुलंद किया। 1974 की ऐतिहासिक रेल हड़ताल, आपातकाल के दौरान उनका साहसिक संघर्ष, और बड़ौदा डायनामाइट केस में उनकी भूमिका ने उन्हें एक निडर और विद्रोही राजनेता के रूप में स्थापित किया। जॉर्ज फर्नांडीस ने भारत की राजनीति में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिसमें रक्षा मंत्री, रेल मंत्री, संचार मंत्री, और उद्योग मंत्री शामिल हैं। उन्होंने समता पार्टी की स्थापना की और जनता दल के प्रमुख नेता रहे। उनकी सादगी, जनसेवा, और राष्ट्रभक्ति की भावना उन्हें भारतीय राजनीति में एक अनूठा व्यक्तित्व बनाती है। उनके द्वारा संग्रहित पुस्तकालय और सादगी भरा जीवन, जिसमें वह स्वयं अपने कपड़े धोते थे और कभी कंघा नहीं खरीदा, आज भी प्रेरणा का स्रोत है। इस अवसर पर, हम उनके अप्रतिम योगदान को याद करते हैं और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेते हैं। जॉर्ज फर्नांडीस जी का जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची नेतृत्व की पहचान इस अवसर पर जदयू के प्रदेश सचिव डॉक्टर महेश सोंधिया विधि प्रकोष्ठ के महासचिव एडवोकेट राम गिरीश वर्मा अल्पसंख्यक मोर्चा के इमाम खान एससी मोर्चा के महासचिव उदय पाटील समाज सेवक विनय भगत सुश्री कंचन चौधरी निलेश सिंह आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।