गजल गायक अनूप श्रीवास्तव ने दी मोहक प्रस्तुति, अपने जन्मदिन पर सुर और ताल से किया भाव विभोर
अनूप श्रीवास्तव सैकड़ों शिष्यों को सिखा रहे हैं गजल की बारीकियां - हिना माथुर



काश दुनिया की भी फितरत हो मेरी मां जैसी, जब मैं बिन बात के रूठूं तो मनाने आए
भोपाल, 18 नवंबर। मंगलवार की शाम जाने माने गजल गायक अनूप श्रीवास्तव की गजलों से गुलजार रही। मौका था स्वर शाला म्यूजिक क्लब द्वारा रविंद्र भवन में आयोजित मेलोडी का गजल कार्यक्रम का । म्यूजिक कंपोजर, गजल गायक और संगीत शिक्षक अनूप श्रीवास्तव ने निदा फ़ाज़ली, जानिसार अख्तर, अजय साहब, शमीम जयपुरी, राहत इंदौरी और डॉक्टर बशीर बद्र जैसे मशहूर शायरों की गजलें पेश की । गजलों में श्रीवास्तव की अपनी मौलिक धुनों और मेहंदी हसन और जगजीत सिंह की गाई हुई रिकर्डेड गजलें भी थीं । मां और पिताजी को समर्पित अजय साहब द्वारा लिखी और अनूप श्रीवास्तव द्वारा रिकॉर्ड की गई ग़ज़ल “यूं ही हर बात पर हंसने का बहाना आए, फिर वह मासूम सा बचपन का जमाना आए” जब प्रस्तुत की तो श्रोता अनूप की भावपूर्ण गायकी में इस कदर डूबे की आंसू छलक आए ।अनूप श्रीवास्तव द्वारा राग दरबारी पर आधारित सेल्फ कंपोज निदा फाजली की गजल “तन्हा तन्हा हम रो लेंगे महफिल महफिल गाएंगे, जब तक आंसू साथ रहेंगे तब तक गीत सुनाएंगे” , असावरी पर आधारित जानीसार अख्तर की गजल “मुझको दीवाना समझते हैं तेरे शहर के लोग” राहत इंदौरी की लिखी गजल”हर एक चेहरे को जख्मों का आईना ना कहो” आदि अनेक गजलें प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी । श्रोताओं से संवाद के दौरान श्रीवास्तव ने शास्त्रीय संगीत के सुगम संगीत में उपयोग के विषय में उदाहरण सहित विस्तृत जानकारी दी । उन्होंने कहा की शास्त्रीय रागों पर आधारित कंपोजिशन हमेशा के लिए अमर हो जाती हैं चाहे वह फिल्मी कंपोजिशन “मधुबन में राधिका नाचे रे” हो या “कुहू कुहू बोले कोयलिया” हो या फिर शास्त्री रखो पर आधारित कोई गजल जैसे “रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए ए आ” या “मोहब्बत करने वाले काम ना होंगे” आदि । श्रोताओं की फरमाइश पर अनूप श्रीवास्तव ने उनका लोकप्रिय गीत “मेरे पांव की पहली पायल” भी सुनाया । कार्यक्रम का प्रभावी संचालन आलोक खरे ने किया जबकि संगतकारों में वायलिन पर रईस खान, ढोलक पर प्रकाश केमें, कीबोर्ड पर मुकेश कटारे , ऑक्टोपैड पर निखिल पालवी और तबले पर शाहनवाज खान थे । ध्वनि संयोजन मोहम्मद शोएब का रहा । काफी अरसे बाद भोपाल में आयोजित इस ग़ज़ल संध्या को श्रोताओं द्वारा काफी सराहा गया । कार्यक्रम की आयोजक हिना माथुर ने कहा कि वह स्वयं अनूप श्रीवास्तव से गजल की बारीकियां सीख रहीं हैं। उन्होंने कहा कि आज अनूप श्रीवास्तव का जन्मदिन है और उन्होंने अपने चहेते दर्शकों तथा श्रोताओं के बीच प्रस्तुतियां देकर इसे खास बना दिया। कार्यक्रम के सह संयोजक के रूप में राजन अय्यर
का बड़ा योगदान रहा।



