हृदय को निर्मल और शांत करने से भगवान की प्राप्ति संभव- प्राचीदेवी
भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर झूमे श्रद्धालु

भोपाल| भगवान की प्राप्ति करने एवं अपने सभी दुखों की मुक्ति के लिए हमें सबसे पहले अपने हृदय को शांत और निर्मल बनाना पड़ेगा| काम, क्रोध, मद,लोभ जब हमारे अंतःकरण से दूर हो जाएंगे तो हमें अपने आप असीम शांति एवं भगवान की कृपा प्राप्त हो जाएगी|
विट्ठलमार्केट दशहरा मैदान में चल रही भागवत कथा में चतुर्थ दिवस प्राची देवी ने कहा कि भक्त प्रहलाद ने देत्य हिरण्यकश्यप के घर जन्म लिया लेकिन अपने कर्मों से वह देव बन गए मनुष्य अपने बुरे कर्मों से देत्य और अच्छे कर्मों से देव बनकर जीवन में शांति और भगवान को प्राप्त कर सकता है|
श्री कृष्ण जन्म की कथा कहते हुए उन्होंने कहा कि कंस और शिशुपाल ने कृष्ण से शत्रु के संबंध बनाए लेकिन गोकुल वासियों ने उन्हें अपना संबंधी बनाया गोपियों ने कृष्ण को अपना प्रेमी मान कर पूजा, भक्त जिस भाव से भगवान को भजता है भगवान उसे उसी भाव से रीझ कर तार देता है मनुष्य को भी प्रयास करना चाहिए की वह भी अपने भगवान से किसी न किसी रूप में संबंध स्थापित करे तो सुखी जीवन को प्राप्त कर भवसागर से पार हो सकता है| भगवान कृष्ण के जन्म पर बधाई गीत एवं बच्चों को खिलौने लुटाए गए वहीं श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया| कल भगवान कृष्ण की लीलाएं एवं गोवर्धन पूजन की कथा होगी| प्रारंभ में मुख्य यजमान स्वदेश सरोज सोनी एमपी उपाध्याय राजेश मिश्रा महेश मालवीय कृष्णा अग्रवाल एवं मनोज मिश्रा ने व्यासपीठ का पूजन किया|